भोपाल। जबलपुर हाईकोर्ट ने डॉ.योगीराज शर्मा की रिट अपील खारिज कर दी है। इस मामले में डॉ. शर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाइ्र हो सकती है। मामला एक सरकारी कार को अपने नाम रजिस्टर्ड कराने का है जिसमें डॉ शर्मा दोषी पाए गए थे।
प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस एसके सेठ की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य की ओर से डॉ.योगीराज शर्मा की अपील का विरोध किया गया। शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि एकलपीठ का आदेश सर्वथा उपयुक्त था, अतः उसे कठघरे में रखना अनुचित है।
बहस के दौरान बताया गया कि डॉ. शर्मा एक दशक से अधिक अवधि तक राज्य के संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रहे। इस महत्वपूर्ण पद पर रहने के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। इसी सिलसिले में मैट्ज कार शासकीय होने के बावजूद कूटरचित तरीके से अपने नाम कराने का हल्ला भी मचा। जिसकी जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट भी आ चुकी है। जिसमें साफ हो गया है कि डॉ.शर्मा ने शासकीय कार को अपनी बनाने के लिए खुद की जेब से पंजीयन शुल्क जमा कर दिया। जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना था। चूंकि कार शासकीय थी अतः उसका पंजीयन शुल्क भी सरकारी खजाने से जमा कराया जाता। यही नहीं बाद में पकड़े जाने की आशंका को भांपकर डॉ.शर्मा ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ भी शुरू कर दी।