पुलिसकर्मियों ने भाजपा नेता को दौड़ा दौड़ाकर पीटा

भोपाल। सरकारी कर्मचारियों के साथ भाजपाईयों की गुंडागर्दी का अब उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाने लगा है। होशंगाबाद का मामला इसका एक मजबूत उदाहरण है जहां पुलिस कर्मचारी की कॉलर पकड़ मारपीट करने वाले भाजपा नेता को पुलिसवालों ने एकजुट होकर बुरी तरह पीटा। इस दौरान नेताजी को बचाने के लिए जो भी आगे आया, पुलिस के जूतों का शिकार हो गया। हंगामा करीब एक घंटे तक चला।

हुआ यूं कि भाजपा नेता गोपाल चौकसे शाम 4 बजे बेटी पूजा चौकसे और भतीजी शिवानी चौकसे को कॉलेज से लेकर घर जा रहे थे। इसी समय एसपी कार्यालय के वायरलेस ऑपरेटर रमेश दायमा बाइक लेकर कंट्रोल रूम के लिए निकले। दोनों की बाइक आमने-सामने आ गई। दुर्घटना नहीं हुई पर विवाद शुरू हो गया। भाजपा नेता ने पुलिसकर्मी को बीच सड़क पर पीटना शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले से बचने के लिए वह दौड़कर एसपी आॅफिस में गया। बस फिर क्या था, एसपी आफिस से पुलिसकर्मियों टुकड़ी बाहर निकली और भाजपा नेता की गुंडागर्दी का जवाब उसकी की भाषा में दिया। पुलिसकर्मियों ने भाजपा नेता को बुरी तरह पीटा। इस दौरान गोपाल चौकसे का भाई राजू चौकसे एवं भतीजा शिवम भी आ गया। उन्होने भी पुलिस पर हमले की कोशिश की। पुलिसवालों ने उन्हें भी घेरे में ले लिया।

भाजपा नेता पर केस दर्ज
टीआई भूपेंद्र कुमार मौर्य ने बताया रमेश ओर गोपाल का मेडिकल कराया। रमेश की शिकायत पर गोपाल चौकसे, राजू चौकसे, शिवम चौकसे के खिलाफ 323, 294, 506/34 में मामला दर्ज किया।

हम बर्दाश्त नहीं करेंगे: एडिशनल एसपी
एडिशनल एसपी शशांक गर्ग ने बताया रमेश को बुरी तरह मारा गया। पहले भी इन लोगों ने सिंधी समाज से विवाद किया था। ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं स्वयं झगड़ा शांत कराने गया था। मेरे समझाने के बाद भी रमेश को मार रहे थे।

लड़कियों ने कहा: हमारे कपड़े भी फाड़ डाले पुलिसवालों ने
गोपाल चौकसे की बेटी पूजा और भतीजी शिवानी चौकसे ने बताया पुलिसवाला गलत साइड था। वह मोबाइल पर बात कर रहा था। अचानक वह सामने आ गया। शिवानी ने बताया उन्हें ठीक से बाइक चलाने का कहा। तो उसने बहस की। हमारी बाइक की चाबी निकाल ली। मना किया तो पूजा और मेरे साथ झूमाझटकी की। पूजा के कपड़े फाड़ दिए और मेरे बाल खींचे। इसलिए चाचा ने उन्हें मारा। बाइक वाला पुलिस की धौंस दे रहा था। घटना की जानकारी मिलने पर घर वाले वहां आ गए। इसी बीच एसपी ऑफिस से बाहर आए पुलिस वालों ने मारपीट की। हमारी शिकायत तक नहीं लिखी।

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