आॅनलाइन एग्जाम में पॉवरकट हुआ तो मिलेगा एक्स्ट्रा टाइम

जबलपुर। मेडिकल और डेंटल में दाखिले के लिए होने वाली डीमेट परीक्षा 8 अक्टूबर को है। एग्जाम के दौरान सेंटर में बिजली बंद होती है तो स्टूडेंट को एक्स्ट्रा टाइम मिलेगा। यानी सिस्टम पर तीन घंटे पूरे स्टूडेंट को दिए जाएंगे। पिछली परीक्षा में पॉवर फेल होने से मचे विवाद से सबक लेकर इस बार एडमिशन एंड फीस रेग्युलेटरी कमेटी (एएफआरसी) ने ये व्यवस्था दी है।

एसोसिएशन ऑफ प्रायवेट डेंटल एंड मेडिकल कॉलेज (एपीडीएमसी) की डीमेट देश के चार शहर में होगा। एपीडीएमसी ने हाईकोर्ट से तय गाइडलाइन पर ही ऑनलाइन एग्जाम की व्यवस्था की है परीक्षा के लिए इस बार सेंटर कम रखे जा रहे है। बताया जाता है कि सीबीएसई और बैंक पीओ की परीक्षा इस तिथि में फंसने की वजह से एग्जाम के लिए सेंटर मिलने में मुश्किल आ रही है।

सबसे ज्यादा समस्या दिल्ली में संस्थान खोजने में आ रही है। ज्यादातर पहले से दूसरे प्रतियोगी एग्जाम के लिए बुक है। सूत्रों के मुताबिक एपीडीएमसी 30 से 40 सेंटर ही बनाएगी। जबकि इससे पहले 20 सितम्बर को हुई परीक्षा में करीब 87 सेंटर थे।

  • ये इंतजाम
  • सेंटर में एंट्री के वक्त ही मैन्युअली जांच।
  • बायोमैट्रिक अटेंडेस लगेगी। उगलियां और आंखों को स्केन किया जाएगा।
  • स्टूडेंट सेंटर में किसी भी सिस्टम में रेंडमली बैठेगा।
  • सिस्टम में तय पासवर्ड डालने पर वह ओपन होगा।
  • हर सेंटर का सर्वर एपीडीएमएस और एमएफआरसी में रखे मेन सर्वर से कनेक्ट होगा।
  • हर स्टूडेंट के कम्प्यूटर सिस्टम से होने वाली एक्टिविटी सर्वर में दर्ज होगी।
  • किसी भी सेंटर में पॉवर फेल होती है तो वापस सिस्टम चालू होने में जो वक्त लगेगा उतना एक्स्ट्रा टाइम दिया जाएगा। पहले सेंटर सर्वर और हाईकोर्ट की ओर से एग्जाम की मॉनीटरिंग कर रहे सीएल रेड्डी से इसकी अनुमति लेनी होगी।
  • 9 अक्टूबर को डीमेट का रिजल्ट जारी होगा।


हाईकोर्ट के निर्देशानुसार ही एग्जाम में व्यवस्था तय की गई है। किसी सेंटर में यदि पॉवर फेल या सर्वर डाउन होता है तो अनुमति लेकर उस सेंटर में टाइम एक्स्ट्रा दिया जाएगा। कम्प्यूटर कुल तीन घंटे ही चलेगा।
टीआर थापक, चेयरमेन, एडमिशन एंड फीस रेग्युलेटरी कमेटी

हाईकोर्ट ने एग्जाम के लिए 3 घंटे तय किए है। दोपहर 3 से 6 बजे के बीच ही एग्जाम होगा। इसके बाद यदि एक मिनट भी एक्स्ट्रा टाइम दिया गया तो ये नियम के खिलाफ होगा। जिसको हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
पारस सकलेचा, पूर्व विधायक याचिकाकर्ता

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