भोपाल। 1 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डुबे मप्र के मुख्यमंत्री का आज विदेश यात्रा से लौटने पर ऐसे स्वागत हुआ जैसे वो जापान यात्रा से नहीं बल्कि जापान जीतकर लौटे हों। स्वागत करना अच्छी बात है, सफलता के उत्सव भी मनाए जाने चाहिए परंतु आज जो स्टेट हैंगर पर हुआ वो जरूरत से बहुत ज्यादा था।
- स्वागत के लिए राजा भोज एयरपोर्ट भव्य मंच बनाया गया था।
- कार्यकर्ताओं के वाहनों की लंबी कतार के कारण स्टेट हैंगर जाने वाले तिराहा तक गाड़ियों की भीड़ लग गई थी।
- आगमन पर कुछ ऐसी गर्मजोशी से स्वागत हुआ मानो जापान जीतकर लौटे हों।
- मुख्यमंत्री मध्यान्ह 12 बजे भोपाल एयरपोर्ट पर पहुंचे।
- उनका विमान एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर पर उतरा।
- उन्होंने विमान से उतरते ही लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
- स्टेट हैंगर पर ही उनके स्वागत के लिए बनाए गए विशाल मंच पर दर्जन कुर्सियां लगाई गईं।
- सामने भी कुर्सियों पर कार्यकर्ता बैठे थे।
- लोगों ने ऐसे गुणगान किया मानो शिवराज अश्वमेघ यज्ञ से सफलतापूर्वक लौट रहे हों।
- जो नेता अपने पड़ौस के गांव में मरते किसान को देखने नहीं गए, यहां 300 किलोमीटर का सफर करके 11 किलो की मालाएं लिए बैठे थे।
- सबकुछ वैसे ही हो रहा था जैसे कभी कांग्रेस में हुआ करता था।
- चापलूसी और चरणवंदना की पराकाष्ठा।
- एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर पर आज सुबह से ही मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए इंदौर, देवास, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, रायसेन सहित राजधानी के दूरस्थ अंचलों से कार्यकर्ता पहुंचना शुरू हो गए थे। स्वागत करने वालों में मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेता शामिल थे।
- मंच के पीछे बड़े से बैनर पर जापान, कोरिया की सफल यात्रा पर जननायक का अभिनंदन लिखा था।
- मुख्यमंत्री के आने की प्रतीक्षा के दौरान महापौर आलोक शर्मा, बीडीए अध्यक्ष ओम यादव, सांसद आलोक संजर, विधायक विश्वास सारंग मंच की व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।
- वहीं पुलिस भी पूरी मुस्तैदी के साथ मंच की सुरक्षा के इंतजामों पर नजर रखे रही।
सवाल सिर्फ एक: इतनी ज्यादा फिजूलखर्ची की जरूरत क्या थी। सिर्फ 10 दिन ही तो हुए थे। जापान ही तो गए थे। अंतरिक्ष से तो नहीं लौटे। 4 पैसा बचा लेते, 400 किसानों को मुआवजा देने काम आ जाता।