सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर लालबर्रा मार्ग पर स्थित कनकी ग्राम में राकेश डहरवाल के मकान के आसपास तथा कनकी से वैनगंगा नदी मार्ग पर वनविभाग के अधिकारियों ने छापा मारकर अवैध रूप से लाई गई लगभग 10 ट्रक इमारती लकडी बरामद की जिसे जप्त कर बालाघाट काष्ठागार लाया जा रहा है। बरामद की गई लकडी का बाजार मूल्य 50 लाख रूपये बताया गया है।
बरामद की गई लकडीयों के स्वामित्व पर किसी ने अब तक कोई दवा नही किया है जिसके कारण पंचनामा बनाकर जप्ती बनाई गई है। वन मण्डल अधिकारी दक्षिण सामान्य श्री अशोक कुमार के निर्देश पर की गई इस कार्यवाही में वनविभाग का भारी अमला शामिल था।
उपवन मण्डल अधिकारी श्री सी बी गुप्ता ने बताया की बालाघाट रेंज आफिस से सांई टिम्बर फर्म के नाम पर फर्जी टीपी बनाकर जंगलों से अवैध रूप से कटाई कर लाई गई इमारती लकडीयों का करोबार किया जा रहा है यह सिलसिला 2011 से चल रहा था मुखबिर से खबर मिलने पर वनविभाग के एक जांच दल ने राजनांदगांव स्थित षिव टिम्बर में दबिष देकर 4 ट्रकों से ले जाई गई 50 घनमीटर इमारती लकडी बरामद की थी जिसकी टीपी में दर्षाये गये हेमर क्रमांक एवं लकडी के लटटों में पाये गये हेमर क्रमांक में भिन्नत पाई गई इस आधार पर इस फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है।
राकेश डहरवाल जिला पंचायत बालाघाट में वनसमिति का पूर्व सभापति रह चुका है तथा कांग्रेस से जुडा हुआ है इसके पूर्व भी डहरवाल के निवास पर छानबीन कर वनविकास निगम के अधिकारियों ने अवैध लकडी बरामद की थी।
यह उल्लेखनीय है कि सांई टिम्बर नामक फर्म नगर पालिका अध्यक्ष श्री अनिल धुवारे के भाई संजय धुवारे के नाम पर होना बताया गया है फर्म के नाम पर टिन नंबर जो दर्षाया गया है उसका सत्यापन वाणिज्यकर विभाग से कराये जाने पर उक्त क्रमांक किसी अन्य फर्म के नाम पर जो कि बेहरई ग्राम की है होना पाया गया है।
छानबीन अभी भी चल रही है इस मामले में वनविभाग के अधिकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पाई जाने की जानकारी लगी है जिनकी मिली भगत से पिछले 4 वर्शो से फर्जी टीपी जारी कर भारी मात्रा में इमारती लकडी अवैध रूप से जिले के बाहर पहुचाई गई है।