अध्यापक की मौत: शिवराज और नंदूभैया के खिलाफ FIR की मांग

भोपाल। अध्यापकों के पिछले दिनों हुए प्रांतव्यापी आंदोलन, सरकार के इशारे पर उनके साथ की गई बर्बरता, गिरफ्तारी, मानसिक प्रताड़ना और उनके विरूद्ध की गई अपमानजनक टिप्पणियों से आहत् चंदूलाल ओसारी, सहायक शिक्षक, तीखी, तहसील बदनावर, जिला धार, म.प्र. द्वारा की गई आत्महत्या को लेकर मुखर कांगे्रस पार्टी ने आज राजधानी स्थित थाना हबीबगंज पहुंचकर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार और श्री ओसारी द्वारा मृत्यु पूर्व लिखे गये पत्र में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा तनख्वाह नहीं बढ़ाये जाने को लेकर की गई आत्महत्या हेतु प्रेरित करने वाले शिवराज सिंह चौहान और शिक्षकों के प्रति असम्मानजनक भाषा का उपयोग करते हुए उन्हें अपमानित करने वाले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के विरूद्ध धारा-306 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की है।

कांग्रेस नेताओं ने पुलिस स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि पिछले सप्ताह तक शिक्षक संघ द्वारा निरंतर चलाये गये 15 दिवसीय प्रांतव्यापी आंदोलन के दौरान शिक्षकों के प्रति राज्य सरकार के इशारे पर किये गये दमन और बर्बरतापूर्वक की गई कार्यवाही तथा उनकी न्यायोचित मांगे निराकृत नहीं किये जाने से क्षुब्ध सहायक अध्यापक श्री चंदूलाल ओसारी, प्राथमिक विद्यालय तीखी, संकुल-शा.उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भैसोला, तहसील बदनावर जिला धार ने कल 28 सितम्बर को जहरीली दवा पीकर आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या के पूर्व लिखे गये अपने पत्र में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा तनख्वाह नहीं बढ़ाये जाने को न केवल अपनी मौत का कारण बताया है, बल्कि कांग्रेस पार्टी ने जब मृतक अध्यापक के परिजनों से कल रात चर्चा की तो उनके परिजनों ने यह भी कहा कि वे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष श्री नंदकुमारसिंह चौहान द्वारा अध्यापकों की प्रांतव्यापी गिरफ्तारी और उनके विरूद्ध की गई दमनात्मक कार्यवाही के बाद मीडिया को दिये गये बयान से भी काफी अपमानित महसूस कर रहे थे और यही दो कारण उनके द्वारा की गई आत्महत्या के लिए प्रेरक साबित हुए हैं।

कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि राष्ट्र निर्माताओं की भावी पौध का निर्माण करने वाले सम्मानित शिक्षकों के अपमान किये जाने और उन्हें आत्महत्या हेतु प्रेरित किये जाने के लिए प्रदेश के मुखिया श्री शिवराजसिंह चैहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नंदकुमारसिंह चैहान के उकसाने पर ही शिक्षकों, विशेषकर श्री चंदूलाल ओसारी, ने यह कदम उठाया है। लिहाजा, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चैहान के विरूद्ध धारा-306 के तहत (आत्महत्या के लिए प्रेरित करने हेतु) आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।

कांगे्रस नेताओं ने सरकार पर यह भी सीधा आरोप लगाया है कि व्यापम महाघोटाले में समूचे प्रदेश में 53 संदिग्ध मौतों के बाद अब ‘‘शवराजसिंह’’ सरकार का कहर अध्यापकों पर टूट रहा है। यह किसी भी लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार के लिए अच्छा संकेत नहीं है। भ्रष्टाचार को प्रमाणित करने वाले साक्ष्यों और प्रमुख गवाहों की संदिग्ध मौतें व अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आवाज उठाना अब इस प्रदेश में मौत का आमंत्रण बन चुका है। इस आपराधिक प्रवृत्ति पर, जो सरकार के संरक्षण में संचालित हो रही है, रोक लगाना आज समय की मांग है और यह कानून के वास्तविक परिपालन के बाद ही संभव हो सकती है। लिहाजा, भारतीय कानून और संविधान की व्याख्या, जिसमें प्रत्येक नागरिक को लेकर समान अधिकार परिभाषित किया गया है, उसी के सम्मान के तहत उक्त वर्णित दोनों प्रमुखों के विरूद्व प्रकरण दर्ज कर पुलिस कानून और संविधान का सम्मान करे, ताकि पारदर्शी संदेश से दहशतदजा नागरिक राहत पा सकें।

प्रदेश कांगे्रस के संगठन प्रभारी महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी एवं मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने हबीबगंज थाने पहुंचकर थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पूर्व मंत्री सुभाष सोजतिया, राजा पटेरिया, पूर्व विधायकगण विनोद डागा, अजय चैरे, सविता दीवान, ओम रघुवंशी, महामंत्रीगण पी.सी. शर्मा, वीरसिंह यादव, शशि राजपूत, कांगे्रस प्रवक्ता जे.पी. धनोपिया, विभा पटेल, रवि सक्सेना, दुर्गेश शर्मा, त्रिलोक दीपानी, योगेन्द्र सिंह परिहार, अजयसिंह चैरे, बृजेन्द्र पांडे तथा सिद्वार्थ कुशवाहा सहित बड़ी संख्या में कांगे्रसजन उपस्थित थे।  

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