मप्र के हर कर्मचारी के भर्ती रिकार्ड की जांच के आदेश

जबलपुर। नियम के खिलाफ जाकर सरकारी नियुक्ति के मामले में कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार ने हर विभाग से ऐसी नियुक्ति का ब्योरा तलब किया है। जिसमें किसकी, कैसे और किसने नियुक्ति की। इन तमाम बातों की साफ-साफ जानकारी देनी होगी।

हाईकोर्ट के फरमान पर प्रमुख सचिव के इस आदेश ने विभागों में खलबली मचा दी है, क्योंकि प्रदेश के सभी विभागों में बेकडोर इंट्री से नियुक्ति किए जाने की आशंका है।

क्या करना है विभागों
हर सरकारी, स्वाशासी विभाग को अब तक निर्धारित चयन प्रक्रिया का पालन किए बगैर होने वाली नियुक्ति का ब्योरा देना है।
जिस अफसर ने ये नियुक्ति की है उसका नाम और किसकी नियुक्ति हुई पूरी जानकारी।
नियुक्ति करने वाले अफसर पर तत्काल प्रभाव से विभागीय कार्रवाई हो। उसका पूरा ब्योरा।
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आदेश से खतरा किसको
विभाग में पद नहीं होने के बावजूद की गई नियुक्ति।
दैनिक वेतन भोगी जो पात्र नहीं थे फिर भी नियमित हुए।
भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए बगैर सीधे किसी कर्मी की नियुक्ति।
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कब तक देना है ब्योरा
01 सितम्बर तक विभागों को अंतरिम प्रतिवेदन प्रमुख सचिव को भेजना है।
30 नवंबर तक पूर्व एवं अंतिम प्रतिवेदन विभाग देंगे।
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क्यों हो रही जांच
जबलपुर हाईकोर्ट ने रीवा में पदस्थ अरूण तिवारी की नियुक्ति अवैध मानी थी। वर्ष 1999 में उन्हें दैनिक वेतन भोगी से सीधे सब इंजीनियर के पद पर नियुक्ति दी गई। आदेश में कोर्ट ने शासन के सभी अंगों को नियुक्ति प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए। साफ किया कि पालन नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। आदेश के बाद पूरे प्रदेश के विभागों से नियुक्ति का ब्योरा प्रमुख सचिव ने मांगा है। ताकि कोर्ट के समक्ष पेश किया जा सके।

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