भोपाल। व्यापमं घोटाले में अब तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को व्हिसल ब्लोअर बताया करते थे, अब राज्यपाल रामनरेश भी बताएंगे। श्री यादव को अपना एक पुराना पत्र मिल गया है जिसमें उन्होंने व्यापमं घोटाले की जांच के निर्देश दिए थे। अब इस पत्र को ढाल बनाकर यह दलील शुरू की गई है जब जांच के निर्देश दिए थे तो घोटाले में शामिल कैसे हो सकते हैं ?
दरअसल, राज्यपाल का नाम सामने आने के बाद से राजभवन की छविखराब हो रही थी। राज्यपाल भी ऐसे किसी क्लू की तलाश में थे, जिससे उनकी दलील मजबूत हो सके। ऐसे में वह पत्र ढूंढ़ निकाले गये जो राजभवन ने व्यापमं की जांच के लिए लिखे थे। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल के उपसचिव शैलेंद्र कियावत की ओर से एक पत्र 17 अगस्त 2012 को प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और दूसरा पत्र पुलिस महानिदेशक को भेजा गया था। इसमें व्यापमं की परीक्षा में हुई धांधली एवं दलाली की संभावना की जांच करवाने तथा दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कही गई थी।
इसलिए लिखे गए थे पत्र
राजभवन से कई पत्र सरकार को लिखे जाते हैं। ऐसे ही एक शिकायत राज्यपाल के पास व्यापमं को लेकर पहुंची थी। जिसे राजभवन ने जांच के लिए आगे बढ़ा दिया। अब इस प्रक्रिया श्री यादव के लिए ढाल के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।