रेप केस की डायरियां दबाए बैठे हैं TI

इंदौर। दुष्कर्म केस की डायरियां थाने में धूल खा रही थीं और आरोपी खुलेआम घूम रहे थे। कई मामलों में तो सेटिंग कर आरोपियों को बाहर निकालने का खेल चल रहा था। अचानक आईजी ने केस खंगाले तो एक-एक कर 23 मामले उजागर हुए। जांच अधिकारियों को तलब किया और फटकार लगाई। लापरवाह टीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

दिल्ली गैंग रेप के बाद सरकार इन मामलों को लेकर गंभीर हुई। आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के प्रावधान तैयार किए गए। पुलिस मुख्यालय ने तुरंत जांच कर चालान पेश करने के लिए कहा, लेकिन फिर भी टीआई डेढ़-दो साल से मामलों को दबा कर बैठे हुए थे। आईजी (महिला अपराध) आरपी श्रीवास्तव ने अचानक पड़ताल शुरू की तो 23 ऐसे केस निकले जिनकी केस डायरियां थाने में धूल खा रही थीं। लोक अभियोजन अधिकारी रूपकुमार सक्सेना द्वारा समीक्षा की तो चौकाने वाली जानकारियां मिलीं। कई मामलों में तो टीआई ने आरोपी नहीं मिलने का बहाना बनाकर खात्मा पेश कर दिया था।

कुछ प्रमुख मामले-
हीरानगर पुलिस ने दिसंबर 2014 में नाबालिग की रिपोर्ट पर पिता व भाई के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने पिता को गिरफ्तार किया और भाई को नहीं ढूंढा। मामले में डेढ़ साल बाद भी चालान पेश नहीं हुआ।

मई 2014 में कनाड़िया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ सतीश नामक आरोपी ने रेप किया। मार्च में आरोपी की गिरफ्तारी दर्शा दी गई। लेकिन पुलिस विवेचना के नाम पर केस डायरी रख कर बैठी रही।

सदर बाजार थाना क्षेत्र स्थित तिलक पथ पर एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। पीएम में खुलासा हुआ छात्रा के साथ रेप हुआ था। मामले को पुलिस दबा कर बैठ गई। आईजी की छानबीन में पता चला छात्रा ने संभवतः रेप की घटना से दुःखी होकर आत्महत्या की है।

खकनार (बुरहानपुर) थाना क्षेत्र में वर्ष 2014 में 40 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप हुआ। आरोपियों ने परिवार को बंधक बनाकर डाका डाला और रेप किया। पुलिस ने कुछ दिन जांच की और आरोपी नहीं मिलने का बहाना बनाकर खात्मा पेश तैयार कर लिया। आईजी ने टीआई को फटकार लगाई और केस की जांच डीएसपी आरएस अंब को सौंपी।

कोर्ट में बयान तक नहीं करवाए
अभियोजन अधिकारी के मुताबिक कई मामलों में पुलिस ने धाराओं में भी गड़बड़ी कर दी। किसी में एससीएसटी एक्ट नहीं लगाया। किसी में गैंगरेप की धारा नहीं मिली। कई मामलों में पीड़िता के धारा 164 के तहत बयान नहीं हुए थे। आईजी के माध्यम से जांच अधिकारी को तलब कर धारा बढ़ाने के लिए कहा गया।

समीक्षा जारी है
रेप मामलों की समीक्षा के दौरान लापरवाही सामने आई है। जांच अधिकारी व टीआई को नोटिस दिए गए हैं।
आरपी श्रीवास्तव (आईजी महिला अपराध)

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