बच नहीं पाए बिल्डर्स की बादशाह: विपिन गोयल रिमांड पर

जबलपुर। भोपाल बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन गोयल की मुसीबत बढ़ती ही जा रही है। भोपाल की अदालत से रिमांड अवधि बढ़ाए जाने की मांग नामंजूर होने के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी। जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने गोयल को 6 जुलाई तक के लिए पुलिस रिमांड में सौंपे जाने की व्यवस्था दे दी है।

शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस केके त्रिवेदी की युगलपीठ में मामला सुनवाई के लिए लगा। इस दौरान राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव व पैनल लायर प्रकाश गुप्ता ने भोपाल की अदालत द्वारा रिमांड अवधि न बढ़ाए जाने का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि बिल्डर गोयल पर अपने भांजे प्रखर सिंघल को प्री-पीजी में नितिन महिन्द्रा की अनुचित सहायता से दाखिला दिलाने का आरोप लगा है। इसी सिलसिले में एसटीएफ ने उसे आरोपी बनाया है।

गोयल ने सेशन कोर्ट व हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट तक दरवाजा खटखटाया। बाद में हाईकोर्ट में सरेंडर होकर अग्रिम जमानत की कोशिश की। इस पर हाईकोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। इसके बावजूद वह मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर में वीआईपी ट्रीटमेंट लेने पहुंच गया। जिसकी पोल खुलने पर हाईकोर्ट ने एसटीएफ को जांच के निर्देश दे दिए। लिहाजा, उसे अस्पताल से जेल जाना पड़ा। इस बीच एसटीएफ ने भोपाल की अदालत में आवेदन लगाकर 15 दिन की रिमांड चाही। जिसे नामंजूर किए जाने पर हाईकोर्ट में अपील लगानी पड़ी।

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