भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने सोमवार को पन्ना जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर मडला घाटी में पांडव फॉल के ऊपर हुई बस दुर्घटना और उसमें हुई अनगिनत निर्दोष मौतों का जवाबदार परिवहन विभाग में हो रहा भारी भरकम भ्रष्टाचार, नियमों के विरूद्व परिवहन, अवैध परिवहन, राजनेताओं, अपराधियों और परिवहन विभाग के व्यावसायिक गठबंधन को बताते हुए दुर्घटना की शिकार बस के मालिक भाजपा नेता और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के विरूद्व प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है।
आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने कहा कि पूरे प्रदेश में राजनेताओं और परिवहन विभाग में पदस्थ अनेकों अधिकारियों की भागीदारी में अवैध परिवहन खुले आम हो रहा है। अवैध संचालन की इस प्रक्रिया में स्थानीय स्तर पर अपराधियों का भी भरपूर सहयोग लिया जा रहा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि ‘वर्मा ट्रेवल्स’ के व्यावसाय में प्रदेश के मुखिया के परिजनों की भी भागीदारी है।
राजनेताओं, परिवहन विभाग के अधिकारियों और अपराधियों के कुत्सित गठबंधन की वजह से ऐसी दुर्घटनाएं आम बात हो चुकी हैं। कुछ वर्षों पूर्व महू-धामनौद के बीच और इंदौर-मुंबई राजमार्ग पर कुछ अपराधियों ने अवैध बस संचालन में पैसों के लेनदेन को लेकर यात्रियों से भरी एक बस को रोक उसका मुख्यद्वार बंदकर आग के हवाले कर दिया गया था, जिससे कई यात्रियों एवं बच्चों की मौतें हो गई थीं। इस बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने स्पष्ट निर्देश दिये थे कि समूचे प्रदेश में संचालित होने वाली बसों में मुख्यद्वार के अतिरिक्त आपातकालीन द्वार होना अनिवार्य होगा। इसके बिना बसों के परमिट रद्द कर दिये जायेंगे, किंतु आज तक उस पर अमल नहीं हुआ है।
ऐसी स्थिति में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि मुख्यमंत्री के निर्देश महत्वपूर्ण है या बस माफियाओं की मनमानी? यदि वे मनमानी भी कर रहे हैं तो उन्हें भयरहित संरक्षण कौन दे रहा है?
मिश्रा ने ऐसी घटनाओं का सीधा जबावदार परिवहन विभाग में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार को बताते हुए कहा कि जब क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, परिवहन मंत्री तक भ्रष्टाचार से होने वाली अकूत कमाई का हिस्सा भेजते हों तो ऐसी स्थितियां होना स्वाभाविक है। दुर्घटना ग्रस्त बस चालक के ड्रायवर के बयान ने कांगे्रस के इस आरोप को सुस्पष्ट कर दिया है, जिसमें उसने कहा है कि इस बस का फिटनेस पैसा देकर जारी कराया गया था। मिश्रा ने इस दुर्घटना की नैतिक जबावदारी लेते हुए परिवहन मंत्री भूपेन्द्रसिंह से भी इस्तीफे की मांग भी की है।