डॉक्टरों ने बूटपॉलिश, डिग्रियां जलाईं | protest against MPPSC

जबलपुर। गले में स्टेथिस्कोप, हाथ में इंजेक्शन लगाने की सिरिंज और वाइट एप्रिन पहनकर जब दर्जनों वेटरनरी डॉक्टर झुलसा देने वाली गर्मी में सड़क किनाने बैठे तो लोग सोच में पड़ गए। इसी बीच सभी डॉक्टरों ने अपनी-अपनी डिग्रियों को सामने रखा और पशुओं का इलाज करने के बजाए राहगीरों को रोककर उनके जूते पॉलिश करने लगे।

जिसे देखकर राहगीर भी अचंभे में पड़ गए और मामले को जानने के लिए रुक गए। देखते ही देखते पूरी सड़क पर लोगों व वाहनों की भीड़ लग गई। थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने सामने रखी डिग्रियों को आग के हवाले कर दिया। ये नजारा गुरुवार दोपहर सिविल लाइन्स स्थित वेटरनरी अस्पताल के सामने देखने मिला। जहां वेटरनरी कॉलेज में पढऩे वाले डॉक्टरों ने एमपी पीएससी द्वारा की जा रही भर्ती प्रक्रिया का विरोध कर रहे थे।

राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने बताया कि एमपी पीएससी द्वारा 136 पदों के लिश पशु चिकित्सकों की भर्ती की जा रही है। प्रक्रिया में ऐसी शर्तें रखी गई हैं, जिनके चलते प्रदेश के डॉक्टरों को नौकरी मिलने के बजाए दूसरे राज्यों के छात्रों को सीधा फायदा मिल रहा है।

डॉ. अम्बरीष ने बताया कि प्रदेश में पढऩे वाले वेटरनरी डॉक्टरों की राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन है, लेकिन प्रदेश में होने वाली भर्ती प्रक्रिया में उन्हें तवज्जो नहीं मिल पाती है। इसकी मुख्य वजह मार्र्किंग सिस्टम है। जो दूसरे राज्यों के प्राइवेट कॉलेजों की अपेक्षा प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में काफी पीछे रहते हैं। जिसके आधार पर प्रदेश के डॉक्टरों को रोजगार नहीं मिल पाता है।

छीने जा रहे अवसर
डॉ. अनुराधा गुप्ता ने बताया कि दूसरे राज्यों की पीएससी परीक्षा में स्थानीय छात्रों को महत्व दिया जाता है, जबकि मप्र में इसके उलट भर्ती हो रही है। ऐसी भर्ती प्रक्रिया वेटरनरी डॉक्टरों के अवसर छीनकर उन्हें बेरोजगार बनाने का काम कर रही है। मार्र्किंग सिस्टम अलग होने के कारण दूसरे राज्य प्रदेश से कहीं आगे हैं।
इसी के चलते डॉक्टरों ने अपनी डिग्रियों की फोटो कॉपी जलाकर प्रदेश शासन से भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने की मांग की है। यदि शीघ्र हल नहीं निकाला गया तो छात्रों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। दो घंटे से अधिक समय तक चले प्रदर्शन में बड़ी संख्या में वेटरनरी डॉक्टर व छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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