परिवहन निगम के कर्मचारियों का होगा संविलियन

भोपाल। सड़क परिवहन निगम की औपचारिक तौर पर तालाबंदी करने के लिए परिवहन महकमा निगम के 463 कर्मचारियों का संविलियन दूसरे विभागों में करने जा रहा है। इस संबंध में परिवहन महकमा जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव ला रहा है। दरअसल यह सारी कवायद श्रम मंत्रालय के निर्देश पर की जा रही है। उन्होंने साफ तौर पर राज्य सरकार से कहा है कि यदि सपनि के कर्मचारियों का संविलियन दूसरे विभागों में कर दिया जाता है तो इसे बंद करने की अनुमति दे दी जाएगी। 

इसके पहले श्रम मंत्रालय ने सपनि को बंद करने के लिए उसके घाटे में जाने के प्रमाण मांगे थे। श्रम मंत्रालय के निर्देश पर परिवहन महकमे के अधिकारी पूरा लेखा जोखा ऑडिट रिपोर्ट के साथ लेकर दिल्ली भी गए थे, लेकिन श्रम मंत्रालय ने चार्टड एकांटेंट की रिपोर्ट को मानने से इंकार करते हुए महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट लाने को कहा। इस पर परिवहन विभाग के अफसरों ने कहा कि महालेखाकार से ऑडिट कराने में वर्षों लग जाएंगे। उन्होंने बताया कि सपनि का काम-काज पूरी तरह से बंद है, इसे केवल औपचारिक तौर पर इसे बंद किया जाना है। इस पर श्रम मंत्रालय ने सपनि के शेष कर्मचारियों को दूसरे विभाग में संविलियन करने की शर्त पर विभाग को बंद करने पर सहमति देने का आश्वासन दिया है।

9 साल से चल रही है कार्रवाई 
पिछले 9 सालों से सड़क परिवहन निगम को बंद करने के लिए परिवहन महकमा केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के पास कई बार प्रस्ताव ले जा चुका है। हर बार मंत्रालय के अधिकारी कोई न कोई खामी निकालकर सरकार का प्रस्ताव अटकाए हुए हैं। इसके पहले श्रम मंत्रालय ने निगम के शेष 463 कर्मचारियों का वन टाईम सेटेलमेंट प्रस्ताव बनाकर लाने को कहा था।

दरअसल केन्द्रीय श्रम कानून के चलते राज्य सरकार चाहकर भी निगम में पूरी तरह से तालाबंदी नहीं कर पा रही है। श्रम मंत्रालय का कहना था कि जब तक निगम के एक-एक कर्मचारी का पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक राज्य सरकार इसे पूरी तरह से बंद नहीं कर सकती। इसके चलते परिवहन महकमे के आला अफसरों ने सभी कर्मचारियों को वन टाईम सेटेलमेंट के तहत 5 से 6 लाख का पैकेज तैयार कर ले गए थे। लेकिन अनुमति न मिलने के कारण मामला अटका हुआ है।

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