आपातकाल को इतिहास की किताब में जोड़ने की मांग

नईदिल्ली/भोपाल। आपातकाल के दौरान मीसा और डीआईआर के तहत बंदी बनाये गये लोगों के अखिल भारतीय संगठन लोकतंत्र सेनानी संघ के एक प्रतिनिधि मंडल ने गत दिवस दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रिद्वय श्री नरेन्द्रसिंह तोमर एवं श्री थावरचंद गेहलोत से मुलाकात कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में मांग की गयी है कि स्कूली पाठ्यक्रम में आपातकाल एवं लोकनायक श्री जयप्रकाष नारायण की जीवनी को जोड़ा जाये, जिससे भावी पीढ़ी इससे अवगत हो एवं प्रेरणा ले सकें। लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कैलाष सोनी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने संघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री संतोष शर्मा, कार्यालय सचिव श्री सुरेष अग्रवाल एवं मध्यप्रदेष इकाई के महासचिव श्री सुरेन्द्र द्विवेदी शामिल थे।

ज्ञापन में कहा गया है कि आपातकाल के समय पूरे देष में एक लाख से अधिक राजनैतिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं को 21 माह तक जेलों में बंद कर यातनाएं दी गयी है। ये वे लोग थे जिन्होनें लोकतंत्र का गला घोंटने वाली कांगे्रस कांगे्रस सरकार के खिलाफ आवाज उठायी थी। यह संघर्ष आजादी की दूसरी लड़ाई थी। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि जिस तरह गोवा मुक्ति आंदोलन में शामिल लोगों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की अनुसूची में शामिल किया गया है उसी तरह मीसा बंदियों को भी इस सूची में जोड़ा जाये।

सुरेन्द्र द्विवेदी
महासचिव,
लोकतंत्र सेनानी संघ

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