गडकरी का अविष्कार: सूसू से सिंचाई कीजिए, बड़ा फायदा होगा

नईदिल्ली। 'पेशाब से सिंचाई' करने का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का सुझाव ट्विटर पर ख़ासा चर्चा में है। उन्होंने कहा है कि वो दिल्ली में अपने सरकारी बंगले के बगीचे में लगे पौधों की पेशाब से सिंचाई करते हैं। उन्होंने कहा, ''पेशाब में यूरिया और नाइट्रोजन कंपाउंड्स होते हैं. इसलिए यह पौधों के लिए बहुत ही अच्छा है. मैंने अपने पौधों में इसका इस्तेमाल किया और वो अन्य पौधों से क़रीब डेढ़ मीटर तक ज़्यादा बढ़े.''

ट्विटर पर चर्चा
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
कुछ लोग इस बयान पर उनकी खिंचाई कर रहे हैं तो कई ऐसे भी हैं जो उनका समर्थन कर रहे हैं.
बालाजी श्रीनिवासन ने @bajusrinivas हैंडल से ट्वीट किया, ''पौधों की सिंचाई करने के लिए नितिन गडकरी ने जो सुझाव दिया है उसके लिए उनका बहुत शुक्रिया.''
वहीं विनय कुमार दोकानिया ने @vinaydokania हैंडल से ट्वीट किया, ''नितिन गडकरी अपने पेशाब का इस्तेमाल पौधों को पानी देने के लिए करते हैं, 'पी—सा' वसूल.''
वहीं अदिति मित्तल ने गडकरी के समर्थन में @awryaditi हैंडल से ट्वीट किया, ''मनुष्यों का पेशाब खाद की तरह इस्तेमाल हो सकता है.''

इसके समर्थन में उन्होंने एक वैज्ञानिक रिसर्च का लिंक भी डाला. एक यूज़र लाट साहेब ने ‏@noupdates से लिखा है, "नितिन गडकरी जी परिवहन मंत्रालय क्यों संभाल रहे हैं, सिंचाई मंत्रालय क्यों नहीं."
वहीं पवन खेरा ‏ट्विटर हैंडल @Pawankhera से लिखते हैं, "प्रधानमंत्री कहते हैं कि शौचालय में पेशाब करें. गडकरी कह रहे हैं कि पौधों में पेशाब करें. देश जानना चाहता है कि पेशाब आख़िर कहां करें."



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