भोपाल। प्रदेश में 41,500 संविदा शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया लेट हो सकती है। दरअसल, राज्य शासन ने इस भर्ती में नए सिरे से आरक्षण करने का निर्णय लिया है। समस्त कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश भी जारी हो गए हैं। शासन फिर से आरक्षण के पीछे उन खाली पदों को बता रहा है, जो शिक्षकों के नए पद स्वीकृत होने, पदोन्नति और सेवानिवृत्ति होने से बढ़े हैं।
शासन ने वर्ष 2013 में स्वीकृत 200 हाईस्कूल एवं 600 हायर सेकंडरी स्कूल के लिए संविदा शिक्षक श्रेणी एक के सीधी भर्ती के 3897 तथा वर्ष 2014 में 100 हायर सेकंडरी एवं 50 हाईस्कूल की स्वीकृति के बाद 4597 पद सीधी भर्ती के स्वीकृत किए थे। जिलों में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही पहले से चल रही थी। जबकि शासन ने 100 हायर सेकंडरी एवं 50 हाईस्कूल के स्वीकृत पदों के 50 फीसदी पद पर अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति जिला-स्तर पर करने के निर्देश दिए थे। वहीं हायर सेकंडरी के सीधी भर्ती एवं पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों के विषयवार चिन्हांकन की कार्यवाही जिला-स्तर पर करने को कहा है। यह कार्यवाही सीईओ जिला पंचायत और डीईओ व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास करेंगे। जरूरी हुआ तो जिला स्तर पर समितियों का गठन भी किया जाएगा।
शासन ने विषयवार आरक्षण करते समय निःशक्तजन के लिए भी पदों का आरक्षण करने के निर्देश दिए हैं। संविदा शिक्षक श्रेणी-3 (प्रयोगशाला) के 2768, व्यायाम शिक्षक के 860, संगीत व तबला शिक्षक के 700 पद पर भर्ती की कार्यवाही भी होगी। इन पदों के आरक्षण के संबंध में शासन अलग से निर्देश जारी करेगा। उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2011 से 30 जून 2015 के बीच सीधी भर्ती के व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने और अन्य कारणों से पद रिक्त होने का आकलन एवं उनकी पूर्ति संविदा शिक्षक श्रेणी-1, 2, 3 से करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान रिक्त होने वाले सीधी भर्ती के पदों का जिलेवार, प्रवर्गवार, निःशक्तजनवार आरक्षण एमपी ऑनलाइन पोर्टल से किया जाएगा।