कर्मचारी संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश

भोपाल। दिल्ली में जिस तरह सीएम केजरीवाल ने मीडिया विरोधी सर्कुलर जारी किया था, ठीक उसी प्रकार मप्र की शिवराज सरकार ने कर्मचारी विरोधी सर्कुलर जारी कर दिया। मप्र के सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वो शिवराज या सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले कर्मचारी संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

राज्य शासन द्वारा कुछ मान्यता प्राप्त/गैर मान्यता प्राप्त शासकीय कर्मचारी संघो के पदाधिकारियों द्वारा राज्य शासन की बिना पूर्व अनुमति/सूचना के ही हड़ताल, धरना, प्रदर्शन, सामुहिक अवकाश आदि पर रहकर पोस्टर चस्पा करने, बैनर लगाने और कर्मचारियों के समूह बनाकर शासकीय कार्यालयों में जाकर नारेबाजी करने, शासकीय भवनो पर प्रदर्शन कर शासकीय कार्या में बाधा पहुंचाने तथा शासकीय कार्यालयों, भवनों, सम्पत्तियों आदि को शासकीय नियमों के विरूद्ध नुकसान पहुंचाने दृष्टिगत निर्देश दिये है कि भविष्य में शासकीय कार्य सुचारू रूप से चले, शासकीय कार्यालयों, भवनों, सम्पत्तियों आदि का नुकसान नही हों और उनकी सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे, इसके लिये म.प्र. सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है। इन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर द्वारा जिले के सभी विभाग प्रमुख अधिकारियों को राज्य शासन के दिशा निर्देशो के अनुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।

याद दिला दें कि हाल ही में अमित शाह के भोपाल आगमन पर उन्हें ज्ञापन सौंपने जा रहे अतिथि शिक्षकों को ना केवल हिरासत में लिया गया था, बल्कि शांति भंग के आरोप ​में गिरफ्तार कर लिया गया था। कर्मचारी नेताओं को कानूनी झमेलों में फंसाने का क्रम शुरू हो गया है। 

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