इंदौर। शहर के पॉश इलाके विष्णुपुरी मेन में बंगले में घुसकर बदमाशों ने रिटायर्ड थाना प्रभारी की नृशंस हत्या कर दी। हत्यारे कीमती सामान लूट कर ले गए। घर में सामान बिखरा था। पुलिस को शक है किसी परिचित ने तकिया या रूमाल से दम घोंटा, क्योंकि शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं।
रिटायर्ड थाना प्रभारी अर्जुनसिंह परिहार (80) विष्णुपुरी में रहते थे। पत्नी कुसुम कॉलोनी के ही उमा गर्ल्स होस्टल में वार्डन हैं। वे रात साढ़े 9 बजे होस्टल से घर लौटीं तो वारदात का पता चला। अर्जुन फर्श पर अचेत गिरे हुए थे और पास में कूलर का टूटा हुआ तार पड़ा था। परिवार द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक दस हजार रुपए और तीन सोने की अंगूठियां गायब हैं।
वारदात से पहले रैकी
अर्जुन की तीन संतानें हैं। बेटा रणजीत साथ रहता है और एक बेटा अजीत लिंबोदी में रहता है। बेटी शिखा दिल्ली में है। रणजीत पत्नी के साथ सप्ताह भर पहले शिखा से मिलने दिल्ली गए थे। पुलिस को आंशका है कि लुटेरों ने वारदात के पहले रैकी की और उसके लिए ऐसा वक्त चुना जब अर्जुन घर में अकेले थे। परिहार परिवार पहली मंजिल पर रहता है और नीचे का हिस्सा पंखा बनाने वाली कंपनी अल्मोर्ड प्रालि को किराए पर दे रखा है। कंपनी के कर्मचारी शाम साढ़े छह बजे तक कार्यालय में रहते हैं।
तीनों कमरों में बिखरा था सामान
पत्नी कुसुम रात को जब घर लौटीं तो हॉल में पति को इस हालत में देख घबरा गईं और गई और रोते हुए नीचे आ गईं। पड़ोसी जसबीर उनके साथ ऊपरी मंजिल पर गए और दरवाजा धकेला तो फर्श पर अर्जुन मृत पड़े थे। तीनों कमरों में सामान बिखरा था। एसपी कल्याण चक्रवर्ती व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस मोहल्ले की गली और घरों में सीसीटीवी कैमरों की जानकारी जुटा रही है।
21 साल पहले हुए थे रिटायर
अर्जुनसिंह ने राजगढ़, ब्यावरा, काला पीपल सहित कई थाना क्षेत्रों में सेवा दी। वे 1994 में सेवानिवृत हुए और इंदौर आकर बस गए थे। होलकर कॉलेज में उनके मित्र रहे जीएस माथुर ने बताया कि 1953 से 1957 तक हमने साथ पढ़ाई की। लगभग सालभर पहले मेरी उनके मुलाकात हुई थी। वे काफी बीमार रहते थे।
दो से अधिक लोगों का काम
वारदात दो से अधिक लोगों ने की होगी। शरीर पर घातक वार के निशान नहीं मिले हैं। मौत के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है, क्योंकि उनकी तबीयत भी खराब रहती थी।
संतोषकुमार सिंह, डीआईजी