इसलिए अधिकारी नहीं चाहते दैवेभो का नियमितीकरण

महोदय जी, वर्तमान में व्‍यापामं के द्वारा भृत्‍य/चौकीदारों की भर्ती की जा रही है, जबकी मध्‍यप्रदेश के हर वि‍भाग में कई वर्षो से कार्य कर रहे दैनि‍क वेतन भोगी कर्मचारी जि‍नकी उम्र भी हो पूर्ण होने जा रही है। कई कर्मचारी तो ऐसे है की वि‍भागों में कार्य करते करते सेवा ही समाप्‍त हो गई है, परन्‍तु वि‍भाग द्वारा उन्‍हें आज तक नि‍यमि‍ति‍करण नहीं कि‍या गया है, जबकी जबलपुर हाईकोट ने भी पूर्व में आदेश पारि‍त कर दि‍या है कि‍ दैनि‍क वेतन भोगी कर्मचारीयों को नि‍यमि‍ति‍करण कि‍या जावे परन्‍तु वि‍भाग के आला अधि‍कारी नहीं चाहते है कि‍ दैनि‍क वेतन भोगी कर्मचारीयों को नि‍यमि‍ति‍करण कि‍या जाये क्‍योंकि‍ यदि‍ दैनि‍क वेतन भोगी कर्मचारी नि‍यमि‍ति‍करण हो जाते है तो आला अधि‍कारि‍यों/ बाबू के नि‍वास पर खाना बनाना, कपडे धोना, बरर्तन साफ करना, झाडू लागना इत्‍यादी कार्य कौन करेगा।

इसी कारण से आज दि‍नांक तक दैनि‍क वेतन भोगी कर्मीचारि‍यों को नि‍यमि‍ति‍करण नहीं कि‍या गया है। जैसा की वन वि‍भाग में कार्यरत दैनि‍क वेतन भोगी कर्मचारि‍यों के वेतन भुगतान बाउचरों में डाक आवक जावक, सुरक्षा कार्य कार्यालीन कार्य दर्शाया जाता है हकीकत और कुछ है, सरकारी वि‍भागों में ऐसी बहुत से दैनि‍क वेतन भोगी कर्मचारी है जि‍नकी योग्‍यता अधिक है और कई कर्मचारी की योग्‍यता कम है। चाहे तो वि‍भाग कम पढे लि‍खे कर्मचारीयों को भृत्‍य/चौकीदार के पद पर नि‍यमि‍ति‍करण कि‍या जा सकता है एवं अधि‍क पढ़े लि‍खे कर्मचारीयों को बाबू के पद पर नि‍यमि‍ति‍करण कि‍या जा सकता है परन्‍तु वि‍भाग के आलाधि‍कारी/बाबू नहीं चाहते की दैनि‍क वेतन भोगी कम्रचारीयों को नि‍यमि‍ति‍करण कि‍या जावे।

एक पाठक
भोपाल समाचार

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