सर्टिफिकेट दिखाओ कि भूकंप आया था: इंश्योरेंस कंपनी की शर्त

पीयूष बाजपेयी/जबलपुर। भूकंप से सारा शहर थर्राया और दुकान गिरी सिर्फ लालजी भाई (परेश रावल) की। लालजी भाई के दुकान का इंश्योरेंस था, लेकिन क्लेम कंपनी के नियमों में उलझ गया। उन्हें हारकर क्लेम के लिए भगवान पर केस करना पड़ा। चर्चित फिल्म 'ओह माई गॉड' के लालजी भाई की तरह ही शहर के अनीस कुरियन भी अपने मकान का इंश्योरेंस लेने के लिए भटक रहे हैं।

25 अप्रैल को आए भूकंप में अनीस के मकान की छत का प्लास्टर गिर गया। अनीस ने मकान का 8 लाख रुपए में एसबीआई बैंक से इंश्योरेंस करा रखा है। बैंक अधिकारी क्लेम के लिए भूंकप आने का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं। अब अनीस सर्टिफिकेट के लिए कलेक्ट्रेट से लेकर तमाम सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

नियम में उलझाया
जिले में शायद एक मात्र घर अनीस भाई का होगा ,जिसका प्लास्टर हल्के झटके से उखड़ गया। परिवार वालों ने 8 लाख रुपए के बीमा की रकम से प्लास्टर दोबारा कराने की सोची और बैंक में पूछताछ करने जा पहुंचे। बैंक वालों ने ऐसा पेंच फंसाया कि जिसका तोड़ निकाल पाना किसी के बस में नहीं है। सर्टिफिकेट लाने की जब बात हुई तो अनीस सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे , लेकिन किसी अधिकारी-कर्मचारी ने ऐसे किसी सर्टिफिकेट बनाए जाने की बात से इनकार कर दिया।

कलेक्टर भी हैरान, कैसे बना दें सर्टिफिकेट
इस बारे में जब कलेक्टर शिवनारायण रूपला को अनीस के बारे में बताया गया तो वे भी हैरान रह गए। श्री रूपला ने कहा कि सबको पता है कि भूकंप आया है, फिर इंश्योरेंस वाले इस तरह की हरकत कैसे कर सकते हैं। वैसे भी नियमों में मकान की फोटो के अलावा सामान्य दस्तावेज ही जरूरी होते हैं। ऐसा कोई नियम ही नहीं बना कि भूकंप आने का सर्टिफिकेट बनाकर दिया जाए।

इंश्योरेंस नियम ये कहता
मकान का बीमा किसी भी तरह की आपदा जैसे बाढ़, आग, भू स्खलन, बर्फबारी, भारी बारिश, बिजली गिरने आदि से होने वाले नुकसान के लिए किया जा सकता है।
आपदा में यदि मकान क्षतिग्रस्त हो तो सिर्फ फोटो, समाचार पत्रों की खबरों का प्रिंट और प्रापर्टी से जुड़े टैक्स, रजिस्ट्री दस्तावेज जरूरी होते हैं।
भूकंप या आपदा की पुष्टि करने वाले किसी तरह के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती।
किसी भी बैंक या निजी कंपनी से मकान का बीमा कराने से पहले उसके सभी फायदों की जानकारी लेना चाहिए।

मुझे बैंक अधिकारियों ने कहा कि बिना सर्टिफिकेट के क्लेम नहीं मिलेगा। जब कलेक्ट्रेट आए तो पता चला कि ऐसा कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं होता। बैंक वाले गलत नियम बताकर क्लेम नहीं देना चाह रहे हैं।
अनीस कुरियन, पीड़ित

आमतौर पर बीमाधारक को कंपनी वाले क्लेम से जुड़ी डिटेल नहीं बताते हैं। किसी भी तरह की बीमा पॉलिसी में आपदा के लिए सर्टिफिकेट नहीं मांगा जाता है। यदि कोई बीमा कंपनी या बैंक प्रबंधन ऐसा कर रहा है, तो ये गलत है।
डॉ. पीके गुप्ता, लीड बैंक मैनेजर

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