भोपाल। विधायकों को राजधानी भोपाल में रहने के लिए लिए रचना नगर में रचना टावर बनाया जा रहा है । मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंध के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं विधान सभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि विधायक भी पांच साल की संविदा पर होते हैं, संविदा कर्मचारी भी बीस साल से संविदा पर हैं, इसलिए विधायक और संविदा कर्मचारियों में कोई अंतर नहीं है।
संविदा - संविदा होती है चाहे वो विधायक की हो या कर्मचारी की। सुविधाओं के नाम पर सरकार संविदा कर्मचारी और संविदा विधायक में भेद-भाव नहीं कर सकती संविदा - संविदा भाई - भाई, इसलिए विधायकों के लिए रचना नगर में बनाये जा रहे रचना टावर के फ्लैटों में संविदा कर्मचारियों का भी कोटा निर्धारित किया जाए और संविदा कर्मचारियों को भी उचित रियायती दर पर फ्लेट दिये जायें। क्योंकि सरकार से अनेकों बार संविदा कर्मचारी अधिकारी नियमितीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने नियमित नहीं किया ना ही नियमितीकरण जैसी सुविधाएं दी है । संविदा कर्मचारी को शासकीय मकान भी आंबटित नहीं किया जाता और कार्य शासकीय काराया जाता है।
बीस वर्षो से संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को सरकार शहर में एक झौपड़ी तक नहीं दे रही और पांच साल के लिए आए संविदा विधायकों के लिए बंगले बना रही है । विधायिका कार्य जन कल्याण करना होता है ना की खुद का कल्याण करना । यहां गंगा उल्टी बह रही है यहां संविदा कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगी, मजदूरों का कल्याण करने की बजाए विधायिका खुद अपने कल्याण में लगी हुई है । महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि यदि संविदा कर्मचारियों को यदि रचना टावर में मकान नहीं दिये तो रचना टावर बनने के बाद संविदा कर्मचारी जबरदस्ती वहां पर रहने चले जायेंगें
रमेश राठौर
प्रदेश अध्यक्ष
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