मप्र केबीनेट मीटिंग के निर्णय (28 अप्रैल 2015)

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद् की बैठक में राज्य में 750 मेगावाट क्षमता के विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की स्वीकृति दी गई। संयंत्र रीवा जिले की गुढ़ तहसील में स्थापित किया जायेगा। इस अल्ट्रा-मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिये संयुक्त कम्पनी गठित किये जाने का निर्णय लिया गया है। 

परियोजना में विश्व बेंक द्वारा ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग शासन की नीति के तहत परियोजना के लिये राजस्व भूमि के उपयोग की अनुमति देगा। परियोजना में उत्पादित विद्युत के ग्रिड से अंतर्संयोजन एवं ट्रांसमिशन लाइन का कार्य पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा किया जायेगा। परियोजना क्षमता की 40 प्रतिशत उत्पादित विद्युत का क्रय मध्यप्रदेश पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी द्वारा किया जायेगा।

मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश वॉटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना (एमपीडब्ल्यूएसआरपी) की 2,498 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति एवं निवेश निकासी की अनुमति दी।

मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश वित्त निगम के श्रेणी 'अ' और 'ब' कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने का निर्णय लिया। यह निर्णय मध्यप्रदेश वित्त निगम के संचालक मंडल द्वारा की गई अनुशंसा पर लिया गया।

मंत्रि-परिषद् ने केन्द्रीय जेल भोपाल में महिला बंदियों और केन्द्रीय जेल उज्जैन में पुरुष बंदियों के लिये आई.टी.आई. में अतिथि व्याख्याताओं के 14 पद सृजित करने का निर्णय लिया। इसमें प्रत्येक अतिथि व्याख्याता को मानदेय 110 रुपये प्रति घंटा या 10 हजार रुपये प्रतिमाह अधिकतम की दर से दिया जायेगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री श्री चौहान की स्किल समिट में की गई घोषणा के परिप्रेक्ष्य में लिया गया है।

मंत्रि-परिषद् ने भारत और राज्य सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी में कम्पनी अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश राज्य कृषि उद्योग विकास निगम में धनावेष्टित समता अंश पूँजी क्रय करने के लिये भारत सरकार की अंश पूँजी 120 लाख को 90 लाख रुपये में क्रय करने की अनुमति दी।

एक माह का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में देने का फैसला
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में नेपाल और बिहार सहित देश के कुछ हिस्सों में आये भूकम्प में मृत लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी। मंत्रि-परिषद सदस्यों ने मृतकों की आत्मा की शांति और परिजनों को इस असीम दु:ख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।

राज्य मंत्रि-परिषद के सदस्यों ने भूकम्प पीड़ितों की सहायता के लिये अपना एक माह का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में देने का भी निर्णय लिया।

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