ग्वालियर। मेला ग्राउंड के सामने स्थित सरकारी बंगले ई-4 को पीडब्ल्यूडी ने एसपी अजाक सुधीर अग्रवाल को आबंटित किया है लेकिन बंगला आबंटित होने के बाद भी वह किराये के मकान में रहने को मजबूर हैं। क्योंकि इस बंगले पर पिछले 6 माह से एक संयुक्त कलेक्टर रैंक के अफसर बीरेन्द्रसिंह अपना कब्जा बनाये हुये हैं।
6 महीने पहले उनका ट्रांसफर भोपाल स्थित मंडी बोर्ड में उप संचालक के पद पर हो गया था लेकिन इसके बाबजूद उन्होंने बंगला खाली नहीं किया। अब एसपी की षिकायत पर पीडब्ल्यूडी ने कलेक्टर पी. नरहरि को पत्र लिखा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा बंगला एसपी अजाक को आवंटित तो कर दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि बंगले पर संयुक्त कलेक्टर बीरेन्द्र सिंह कब्जा जमाये बैठे हैं, इस कारण एसपी अजाक को सिटी सेंटर में किराये का घर लेना पड़ा। एसपी अजाक द्वारा षिकायत करने पर पीडब्ल्यूडी ने संयुक्त कलेक्टर बीरेन्द्र सिंह को बंगला खाली कराने का नोटिस दिया लेकिन इसके बाद भी बीरेन्द्र सिंह ने बंगला खाली नहीं किया। लोक निर्माण विभाग के अनुसार नियमानुसार ट्रांसफर होने के बाद लोक सेवक को बंगला खाली कर देना चाहिए। लेकिन संयुक्त कलेक्टर ने पद का दुरूपयोग करते हुये, बंगला खाली नहीं किया।
करीब 2 लाख किराया बाकी
लोक निर्माण विभाग के अनुसार संयुक्त कलेक्टर बीरेन्द्र सिंह पर 1 अक्टूबर 2014 से 30 हजार रूपये प्रतिमाह के हिसाब से किराया शेष है। इसकी रिकवरी कराने की व्यवस्था के लिये विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। रिकवरी 1 अक्टूबर 2014 से करानी हैं। जो करीब आज तक 2 लाख रूपये संयुक्त कलेक्टर पर निकलती है।
उक्त संयुक्त कलेक्टर अपनी गाड़ी से काली फिल्म उतरवाने के मामले में पूर्व में ग्वालियर में पुलिस से भिड़ चुके हैं, इसके अलावा एक बड़े मंदिर की जमींन खुर्द-बुर्द करने तथा पद का दुरूपयोग कर लोगों को परेषान करने एवं झूठे प्रकरण दर्ज कराने के भी आरोप चर्चा में हैं। अब देखना हैं कि शासन इन पर क्या कार्यवाही करता है।