भोपाल। व्यापमं घोटाले के माध्यम से बार बार शिवराज सिंह चौहान पर हमला कर रहे दिगिवजय सिंह पर लगाम लगाने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने एसआईटी गठित कर दी है। अब दिग्गीराज में हुईं फर्जी भर्तियों की परतें खोली जाएंगी।
आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनाई गई है। इसमें एएसपी दिलीप सिंह तोमर, सीएसपी सलीम खान व चूनाभट्टी टीआई राजकुमार सराफ शामिल हैं।
दवाब की राजनीति के चलते टीम सबसे पहले कांग्रेस नेताओं के बयान दर्ज करेगी। इसके बाद एफआईआर में सलंग्न दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि 12 साल पहले दिग्विजय शासनकाल में हुई अवैध नियुक्तियों को लेकर विधानसभा सचिवालय ने तत्कालीन विस अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में विधानसभा के 17 अधिकारी-कर्मचारियों को भी आरोपी बनाया है। आरोप है कि इनकी नियुक्तियां नियमों को ताक पर रख तत्कालीन विस अध्यक्ष की पसंद से हुई थी। साथ ही दबाव में कर्मचारियों को विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेजकर संविलियन कराया गया। मामला आईपीसी की धारा 420, 468, 471 और 120 बी तहत जहांगीराबाद थाने में दर्ज किया गया है।
पहले बयान लिए जाएंगे
पहले नेताओं के अलावा अन्य आरोपियों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके बाद संबंधित दस्तावेजों की मांग की जाएगी। साथ ही एफआईआर में संलग्न कागजात का परीक्षण किया जाएगा।
सलीम खान, जांचकर्ता अधिकारी, सीएसपी जहांगीराबाद