बैंक के डिफाल्टर्स को सबक सिखाएगी RBI

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने आज धोखाधड़ी के मामलों को दर्ज करने के लिए केंद्रीय पंजीयक कार्यालय के ढांचे को अंतिम रूप दे दिया है। इस बारे में जल्द ही दिशानिर्देश जारी किया जाएगा। इससे कर्ज नहीं लौटाने वालों के बारे में सूचनाओं का तेजी से आदान प्रदान किया जाएगा और बैंकों को डूबते लोन की समस्या से निपटने में काफी मदद मिलेगी। 

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मुंदडा ने बताया कि हमने ढांचे को लगभग अंतिम रुप दे दिया है। हम इस बारे में जल्द दिशानिर्देश जारी करेंगे। यह प्रस्तावित संस्थान बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने वाली इकाइयों को तेजी से साझा करेगा। अच्छी बात यह है कि यह केंद्रीय बैंक की निगरानी में काम करेगा। आपको बता दें कि इस समय सभी बैंक जानबूझकर चूक करने वाले लोगों की सूची अपनी वेबसाइट और समाचार पत्रों में प्रकाशित कर रहे हैं। इस रजिस्टरी की स्थापना के बाद ऐसे सभी लोगों की सूची एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगी ऐसे में बैंक कर्ज देते समय ऋण लेने वाले व्यक्ति के ब्योरे की जांच इस रजिस्टरी के जरिए कर सकते हैं।

FDI प्रस्तावों पर गौर करेगी FIPB
एक अंतर मंत्रालयी समिति 9 अप्रैल को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 32 प्रस्तावों पर विचार करेगी। इनमें मेलैन लैबोरेटरीज व एस कुमार्स नेशनवाइड के एफडीआई प्रस्ताव शामिल हैं। वित्त सचिव राजीव महर्षि की अगुवाई वाला फॉरन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) 9 अप्रैल को इन प्रस्तावों पर विचार करेगा। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। एफआईपीबी की बैठक के अजेंडा में जो अन्य प्रस्ताव शामिल हैं।

पारदर्शिता को लेकर चिंता जाहिर
भारत इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल है. ऐसी अटकलें हैं कि अमरीका भी आवेदन कर सकता है। बैंक के इस साल शुरू हो जाने की उम्मीद है। जिससे एआईआईबी से जुडऩे के लिए आवेदन की समयसीमा 31 मार्च है। वहीं सूत्रों की माने तो अमरीकी दबाव की अनदेखी करते हुए ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली पहले ही इससे जुडऩे का एलान कर चुके हैं। तुर्की और दक्षिण कोरिया जैसे अन्य देश भी इसका हिस्सा बनेंगे। अमरीका प्रस्तावित बैंक की पारदर्शिता को लेकर चिंता जाहिर करता रहा है। वह इस बैंक को विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के प्रतिस्पर्धी के रूप में देखता है। इससे पूर्व चीन के वित्त मंत्री ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया भी आवेदन कर चुका है।

AIIB में शामिल होगा आस्ट्रेलिया 
कैनबरा। आस्ट्रेलिया ने एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) का संस्थापक सदस्य बनने के लिए उससे संबंधित एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। यह बात प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने रविवार को कही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विदेश मंत्री जूली बिशप और वित्त मंत्री जो हॉकी के साथ जारी एक संयुक्त बयान में एबॉट ने कहा कि एमओयू पर हस्ताक्षर करने से आस्ट्रेलिया बैंक की स्थापना से संबंधित वार्ता में एक संभावित संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल हो पाएगा। बयान में कहा गया है, सरकार ने एआईआईबी पर चीन और अन्य प्रमुख साझेदारों से चर्चा कर ली है। बयान के मुताबिक, पिछले कुछ महीने में बैंक की संरचना, प्रशासन और पारदर्शिता पर काफी बातें स्पष्ट हुई हैं।

बीजिंग में होगा AIIB का मुख्यालय 
जबकि चीन ने इन चिंताओं खंडन किया है। चीन ने कहा है कि नया बैंक विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक का पूरक होगा। इसकी प्रशासन प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी होगी। एआईआईबी का मुख्यालय बीजिंग में होगा। यह एशियाई देशों में बुनियादी ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं को मदद मुहैया कराएगा। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब यूरोपीय संघ और एशियाई सरकारें आईएमएफ में सुधार को लेकर अमरीकी रवैये से बेहद निराश हैं। इसके तहत चीन और भारत समेत अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को मुद्राकोष में अधिक वोटिंग अधिकार देने की वकालत की गई है, लेकिन, आईएमएफ में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी और वीटो अधिकार वाले अमरीका के चलते सुधारों का प्रस्ताव 2010 से लटका हुआ है।

अंकुश लगाने के लिए अमरीका प्रयासरत
इस प्रस्तावित बैंक को अमरीकी आर्थिक कूटनीति के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आर्थिक शक्ति पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिका प्रयासरत रहा है। एआईआईबी से जुडऩे वाले देशों की बढ़ती संख्या देख हाल में अमेरिकी वित्त मंत्री जैक ल्यू ने चेतावनी दी थी कि आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के लिए अपनी विश्वसनीयता खोने का खतरा पैदा हो गया है। रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री ईगोर शुवालोव ने चीन के बोआओ में आयोजित वार्षिक एशियाई आर्थिक सम्मेलन के दौरान कहा कि प्रस्तावित बैंक से जुडऩे के लिए रूस जल्द ही आवेदन करेगा। इसी दौरान ऑस्ट्रेलिया के वित्त मंत्री एम कॉरमैन ने भी आवेदन करने के फैसले का एलान किया।

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