मुंबई। सरकार चाहती है कि घरों में पड़ा सोना मार्केट में बाहर आएं। बाजार में सर्कुलेट हो और सोने का इंपोर्ट कम हो। इसके साथ लोगों को सोने का घर से बाहर लाने में कुछ फायदा भी हो। इसी के चलते बजट में गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के अलावा 2 अन्य योजनाओं की घोषणा की गई है। आप सोना निश्चित अवधि के लिए जमा कीजिए और उस पर निश्चित ब्याज लीजिए।
ब्याज मिलेगा
बजट में गोल्ड मुद्रीकरण स्कीम लाने की घोषणा की गई है। यह मौजूदा गोल्ड डिपॉजिट और गोल्ड मेटल लोन स्कीम की जगह लेगी। इससे जहां आम ग्राहक को ब्याज मिलेगा, वहीं जूलर्स इसकी एवज में लोन भी ले सकेंगे। गोल्ड बॉन्ड भी इसी तरह को होगा। बॉन्ड खरीदने पर निश्चित अवधि पर तय ब्याज मिलेगा।
क्या होगा फायदा
आम आदमी और जूलर्स के पास जो सोना पड़ा है, वह बैंकों में जाएगा और बैंक उसे ओपन मार्केट में लेकर आएंगे। इससे ज्यादा सोना घरेलू मार्केट में उपलब्ध होगा। जेटली ने कहा कि देश में 20,000 टन सोना पड़ा होने का अनुमान है, लेकिन इनमें से ज्यादातर का न तो कारोबार होता है और न ही ये बाजार में आता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। हर साल 800 से 1,000 टन सोने का आयात होता है।
धातु खातों पर मिलेगा ब्याज
उन्होंने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना (जीएमएस) का प्रस्ताव किया, जो स्वर्ण जमा और स्वर्ण धातु ऋण योजनाओं का स्थान लेगी। यह नई योजना स्वर्ण जमाकर्ताओं को उनके 'धातु खातों' पर ब्याज अर्जित करने की अनुमति देगी। वित्त मंत्री ने वैकल्पिक वित्तीय संपत्ति सरकारी स्वर्ण बॉन्ड को सोने की खरीद के विकल्प के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की। इस बॉन्ड पर निश्चित ब्याज दर मिलेगी और बॉन्ड धारक सोने के अंकित मूल्य पर इसे भुना सकेंगे। जेटली ने घोषणा की कि सरकार भारतीय स्वर्ण सिक्का बनाने का काम शुरू करेगी, जिस पर अशोक चक्र बना होगा। इन स्वर्ण सिक्कों से देश के बाहर बनने वाले सिक्कों की मांग कम करने में मदद मिलेगी।