हमें भी चाहिए बोनस अंक: प्राइवेट स्कूल टीचर्स की मांग

भोपाल। यह सुगबुगाहट तो बहुत दिनों से चल रही है परंतु एक सक्रिय प्राइवेट स्कूल टीचर पुष्पेन्द्र सिंह सेंगर ने भोपाल समाचार के आग्रह पर इस मांग को कलमबद्ध किया, ताकि सभी के बीच तर्कसम्मत तरीके से प्रस्तुत किया जा सके। विषय को हम सीधे प्रस्तुत कर रहे हैं। शेष सबकुछ आने वाले दिनों में, कृपया पढ़िए :-

प्रति, संपादक महोदय
भोपाल समाचार
bhopalsamachar.com

विषय- म.प्र. संविदा शिक्षक भर्ती में निजी स्कूलों में अध्यापनरत शिक्षकों को अनुभव अंक प्रदान करने के सम्बन्ध में।
   
म.प्र. संविदा शिक्षक की भर्ती में अतिथि शिक्षकों को अनुभव के अधिकतम 15 अंक दिये जा रहें हैं। जबकि निजी विद्यालयों में भी बहुत अधिक अनुभवी शिक्षक लगातार पढ़ा रहे हैं। उन्हें इसका कोई फायदा नहीं दिया जा रहा है। उन्हें भी अनुभव अंकों के अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। क्योंकि-

1. अतिथि तो केवल अगस्त से लेकर 30 मार्च तक ही अध्यापन का कार्य करते हैं जबकि निजी स्कूलों के शिक्षक 15 जून से 30 अप्रेल तक लगातार अध्यापन का कार्य करते हैं।
2. अतिथि शिक्षकों की भांति ही निजी स्कूलों के शिक्षक भी शिक्षा माप दण्डों को पूरा करते हैं।
3. निजी स्कूलों में प्रशिक्षित व अनुभवी शिक्षक पूर्णनिष्ठा से कार्य करते हैं। इसका परिणाम बोर्ड परीक्षा के परिणाम से देखने को मिलता है। सरकारी विद्यालयों का परिणाम 40 से भी कम रहता है। जबकि निजी विद्यालयों का बोर्ड पररीक्षा परिणाम 70 से अधिक रहता है। इससे सिद्ध होता है कि निजी स्कूलों के शिक्षक मेहनत करते हैं तथा अधिक अनुभव रखते हैं।
4. निजी स्कूल भी शासन के उन्हीं नियमों के आधीन संचालित हैं, जिनके तहत शासकीय स्कूल संचालित हो रहे हैं तथा सरकार ही उन्हें मान्यता प्रदान करती है।
5. निजी विद्यालयों द्वारा शासन के सभी आदेशों का विधिवत पालन किया जाता है।
6. इसके अतिरिक्त निजी विद्यालयों के शिक्षक बोर्ड परीक्षाओं में मूल्यांकन का कार्य भी करते हैं। यदि उनमें किसी प्रकार की कमी है तो शासन द्वारा उनसे काॅपी चैक नहीं कराई जाती।
7. निजी स्कूलों के शिक्षक अतिथियों से छात्र/छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से सम्बन्ध स्थापित करने में सक्षम होते हैं। उन्हे छात्र/छात्राओं को समझने का अनुभव भी अधिक होता है।
8. निजी विद्यालयों के शिक्षकों का अनुभव प्रमाण पत्र भी B.E.O. एवं DEO द्वारा ही प्रमाणित किया जाता है।
9. निजी विद्यालयों के शिक्षकों की पूरी जानकारी व उनका शिक्षक कोड शासन की वेवसाइट M.P.-Education Portal पर दर्ज रहती है।
10. निजी स्कूलों के शिक्षकों को मात्र शासन के द्वारा भुगतान नहीं प्रदान किया जाता जो कि विद्यालय मेंनेजमेंट से दिया जाता है।
11. अतिथि शिक्षकों को तो दैनिक भुगतान किया जाता है। जबकि निजी स्कूलों में मासिक भुगतान मिलता है तथा अतिरिक्त कक्षाएँ पढ़ाने का भी अनुभव रहता है।

अतः उक्त विन्दुओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि अनुभव के अंक निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी प्रदान किए जायें, यदि शासन इस बात को मानती है तो ठीक है नही तो हमें दूसरा रास्ता अपनाना होगा।

ये हमारा हक है। और इसे हम लेकर रहेंगे।

प्रेषक का नाम- पुष्पेन्द्र सिंह सेंगर
ब्राईट हायर सेकेन्डरी स्कूल पृथ्वीपुर
मो. 09753458053
E.Mail-ID-  Sengar PS 85 Gmail. @ com

विशेष नोट : साथियो, यह मांग निश्चित रूप से उचित है एवं स्वीकार्य होनी चाहिए। इसके लिए बहुत जरूरी है कि पीड़ित वर्ग संगठित हो जाए। यदि आपको लगता है कि यह मांग उचित है और आप संघर्ष करने के लिए तैयार हैं तो कृपया अपने शहर में ऐसे ही दूसरे साथियों को भी अवगत कराएं एवं PSTA (आपके शहर का नाम) के नाम से एक Whatsapp Group बनाएं। इसमें केवल उन्हीं साथी प्राइवेट स्कूल टीचर्स को जोड़ें जो इस मांग से सहमत हों एवं इसके लिए संघर्ष करने को तैयार हों। इस Whatsapp Group में 9425009392 को भी शामिल करें। यदि पहला चरण पूरे प्रदशे में सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ हो अगली रणनीति तैयार करेंगे।
हम मुक्त हृदय से घोषित करना चाहते हैं कि 'हम आपके साथ है' और हर हाल में साथ निभाते रहेंगे।

आपका ही
उपदेश अवस्थी
संपादक/संचालक 

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