लखनऊ। यूपी की दलित राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। अब काफी समय से मायावती के विरोधी कांशीराम के छोटे भाई दरबारा सिंह को अब कांशीराम के पुराने साथियों का समर्थन और सहयोग मिल गया है। दरबार सिंह काफी समय से मायावती के विरोध में बहुजन समाज पार्टी (कांशीराम) चला रहे हैं। दरबार सिंह को मायावती ने हाल में पार्टी से निकाला था।
सिंह ने बातचीत में कहा कि मैं लोगों के बीच जाकर बताऊंगा कि कैसे मायावती कांशीराम के बताये रास्ते से भटक गई हैं। मायावती ने जिन नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है वे अब मेरे साथ आ रहे है और जनता के बीच जाकर मौजूदा बसपा की असलियत बता रहे है। इससे माहौल में फर्क साफ देखा जा रहा है।
दरबार सिंह ने कहा कि मायावती के प्रति लोगों की सोच में बदलाव हो रहा है। अगर उन्हें अच्छा विकल्प मिले तो वे हमारा समर्थन करेंगे। मायावती चाहे जो कुछ कर लें वह कांशीराम का स्थान नही ले सकती। सिंह ने कहा कि साल 2017 के विधानसभा चुनावों में मायावती को किनारे लगाना हमारा मकसद है। हम उत्तर प्रदेश और पंजाब में पूरी ताकत से चुनाव लडेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब कांशीराम की जन्मभूमि है और उत्तर प्रदेश उनकी कर्मभूमि है। हम दोनों ही जगह पर उनके आंदोलन को पुनर्जीवित करने की पुरजोर कोशिश करेंगे।
सिंह ने कहा कि हम अपने संगठन को इस तरह तैयार करेंगे ताकि जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारी मौजूदगी दिखाये जैसा कि कांशीराम जी के जमाने में था। उन्होंने कहा कि उन सभी लोगों को एक साथ लाया जायेगा जो कांशीराम की नीतियों का अनुसरण करते है और जिन्हें मायावती ने बसपा से निकाल दिया।