मध्यप्रदेश का यह शहर समलैंगिकता के लिए बदनाम

भोपाल। प्रतिवर्ष सेक्स सर्वे निकाले वाली एक पत्रिका ने मध्यप्रदेश पर समलैंगिकता को लेकर एक सर्वे करवाया था। जिसमें एक चौंकाने वाली बात सामने आई थी। हम मध्यप्रदेश के रतलाम शहर पर केंद्रित पिछले वर्ष के सर्वे से आपको अवगत कराने का प्रयास कर रहे हैं। देशभर के समलैंगिकों की कामुक जमात के आंकड़ों पर नजर डालें तो अपनी सेक्स फंतासियों को हकीकत के धरातल पर पूरा करने के मामले में यह शहर पहले स्थान पर है।

सर्वे कहता है कि इस शहर में मेन टू मेन सेक्स के मामलों में काफी तेजी आई है। इसके पीछे अफीम बेल्ट को बड़ा कारण माना जा रहा है। इंडिया टुडे और नीलसन ने अपने वार्षिक सेक्स सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा किया था। जिला सरकारी अस्पताल में एचआईवी/एड्स विभाग के अफसर डॉ अभय अयोहरी ने जो खुलासा किया है वो और भी सनसनीखेज है।

डॉ. अभय के अनुसार पिछले दो वर्षों में उनके पास मेन टू मेन सेक्स के करीब 900 मामले आए हैं। डॉ अभय अप्राकृतिक सेक्स करने की मनोवृत्ति के लिए शहर और इसके आसपास मंदसौर, नीमच आदि जिलों में फैले अफीम बेल्ट को जिम्मेदार मानते हैं। पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में रतलाम, मंदसौर और नीमच के बीच फैला हाई वे कानूनी रूप से पैदा की जाने वाली अफीम के हजारों एकड़ में फैले खेतों का घर है। उनके अनुसार ड्रग्स लेने के बाद अपनी काम पिपासा को शांत करने के लिए लोग मेन टू मेन सेक्स करने से भी गुरेज नहीं करते।

हालांकि वे यह भी मानते हैं कि कई बार लोग दबाव या जबरन भी इस गंदे खेल में खींच लिए जाते हैं। इस शहर की टॉकीजों में भले ही एडल्ट या ब्लू फिल्में प्रदर्शित करने पर पाबंदी है और नीली फिल्मों की सीडी-डीवीडी कुछ चुनिंदा दुकानों पर ही उपलब्ध है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां गुपचुप तरीके से मिलने वाले समलैंगिकों की एक बड़ी जमात है। इतना ही नहीं दो बत्ती मार्केट में साइबर कैफे संचालित करने वाले एक शख्स की मानें तो यहां हार्डकोर पोर्न फिल्म देखने वाले कच्ची उम्र के बच्चों की भी कमी नहीं है। मध्यभारत का यह अलसाया सा दिखने वाला शहर अपनी कुत्सित कामवासना से आपको आश्चर्य में डाल देता है।


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