मप्र के संविदा कर्मचारियों की पेनडाउन हड़ताल 7 अप्रैल को

भोपाल। मप्र सरकार ने विघुत वितरण कम्पनी पश्चिम क्षेत्र इंदौर के संविदा इंजीनियरों, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तकनीकी सहायकों की सेवा समाप्त कर नई भर्ती किये जाने का निर्णय लिया है।

वहीं मनरेगा जबलपुर की परियोजना अधिकारी ऋतु चौहाान को मुख्य कार्यपालन अधिकारी से पटरी नहीं बैठ पाने के कारण सेवा समाप्त कर दी गई है। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि इन विभागों में संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का विरोध करते हुये 5 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के दो लाख संविदा कर्मचारी/ अधिकारी 7 अप्रैल को प्रदेश व्यापी कलम बंद हड़ताल पर रहेंगें ।

संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ की मांगे निम्न प्रकार है:-
(1) म.प्र. के सामान्य प्रषासन विभाग (जी.ए.डी.) द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए 22 जून 2013 को एक नीति तैयार की थी । उस नीति को सरकार शीध्र लागू करे ।
(2) म.प्र. सरकार निरंतर नियमित पदों सीधी भर्ती कर रही है । हमारी मांग है कि म.प्र. सरकार उन पदों पर वर्षो से विभागों और परियोजनाओं में जो संविदा कर्मचारी वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे हैं इन सीधी भर्ती के नियमित पदों पर उनका संवियलन किया जाए । अनुभव का लाभ दिया जाए, आयु सीमा में छुट प्रदान की जाए ।
(3) संविदा कर्मचारी, नियमित कर्मचारियों के समान कार्य करते हैं तो संविदा कर्मचारियों के समान ही  गृह भाड़ा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, चिकित्सा अवकाष, अनुकम्पा निुयक्ति, चिकित्सा अवकाष, एक्सग्रेसिया, वाहन भत्ता, समय - समय पर बढ़ने वाला मंहगाई भत्ता दिया जाए ।
(4) संविदा कर्मचारी /अधिकारी की संविदा समाप्त करने के पूर्व उसको अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए । संविदा समाप्त करने से पूर्व उसकी विभागीय जांच की जाना चाहिए।
(5) म.प्र. सरकार ने म.प्र. विघुत वितरण कम्पनी इंदौर के 11 इंजीनियर, म.प्र. योजना आर्थिक सांख्यिकी विभाग के 212 संविदा कर्मचारी, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिषन के 400 कर्मचारी , मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के 150 तकनीकी सहायकों, जबलपुर मनरेगा की परियोजना अधिकारी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं । इन संविदा कर्मचारियों को पुनः बहाल किया जाए।


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