राजेश शुक्ला/अनूपपुर। वनविभाग के एक रेंजर की लापरवाही तीन भालुओं के लिए जानलेवा साबित हुई। वो शुक्रवार को एक कुएं में गिरे थे, पूरे तीन दिन तक तड़पते रहे परंतु रेंजर पहुंचा ही नहीं। ग्रामीणों के आक्रोशित हो जाने के बाद वनविभाग की टीम पहुंची और कुऐं से भालुओं की लाश निकाली।
जिले के जैतहरी न परि़क्षेत्र अंतर्गत व्यंकटनगर अंतर्गत यह दर्दनाक मामला सामने आया है। बकायदा सभी वन परिक्षेत्रो के बीट प्रभारी विभाग द्वारा नियुक्त किए जाते है जिन्हे मोटी तनख्वाह इसलिए मिलती है कि वन परिक्षेत्र मे रहने वाले न जीवो की रक्षा एवं जंगल की रक्षा की जाए। फारेस्ट गार्ड भी नियुक्त होते है लेकिन सभी जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी जंगलो की रक्षा एव वन्य जीव प्राणियो के प्रति लापरवाह नजर आते है। 2 माह पहले भी एक भालू एैसे ही एक गडठे मे जा गिरा था लेकिन निकल गया। वन परिक्षेत्र के पास आने वाले गडढो को फिनसिंग करा जाली लगाना चाहिए, व्यंकटनगर भालू बाहुल्य वन परिक्षेत्र है लेकिन एक स्थान पर भी एैसा बोर्ड नही लगा जिससे लोग जान पाए।
फारेस्ट गार्ड एवं जैतहरी वन परिक्षेत्र के रेंजर का कहना है कि हमे कोई जानकारी ही नही। ग्रामीणों का माने तो यदि समय से अमला यहां पहुच जाता तो भालुओ की जान बचाई जा सकती थी।