पढ़िए क्या क्या नुक्सान हुआ शिवराज के सदन से भागने पर

भोपाल। विधानसभा में हंगामे के कारण जनहित के मुद्दे हाशिए पर चले गए। 17 बैठक पहले समाप्त हुए बजट सत्र में सत्तापक्ष और विपक्ष के करीब 800 सवालों के जवाब नहीं आएंगे। कई ध्यानाकर्षण, 15 अशासकीय संकल्प लैप्स हो गए। 5200 सवालों के जवाब सिर्फ प्रश्नोत्तरी में आएंगे।

विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि विधायकों द्वारा लगाए 6046 सवालों में 3561 तारांकित (इनमें 675 के जवाब मंत्रियों को सदन में खड़े होकर देने होते हैं) और 2485 अतारांकित (लिखित में उत्तर आता है) थे। विधानसभा विभागों को इन्हें भेजकर जवाब लेता है और प्रश्नोत्तरी में प्रकाशित करने के साथ विधायकों को दस्तावेज मुहैया कराता है।

सूत्रों के मुताबिक 20 फरवरी तक सचिवालय विभागों को लगभग 5200 सवाल भेज चुका है। इनके जवाब 20 मार्च तक आने थे। सत्र स्थगित होने के बावजूद इनके जवाब आएंगे। प्रश्नोत्तरी तैयार होगी, जो विधानसभा में रखी जाएगी, लेकिन उन 500 प्रश्नों के उत्तर विधायकों को नहीं मिल पाएंगे, जो प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों से पूछे जाते।

मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि मतदाता की अपेक्षा रहती है कि उनके प्रतिनिधि सदन में क्षेत्र की आवाज उठाएं। हर विधायक प्रश्‍न, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण सहित अन्य माध्यमों से सवाल पूछते हैं। इसके कारण सदन में ही जांच का ऐलान या निलंबन जैसी कार्रवाई तक हो जाती है। गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने चंदा गौर के सवाल पर पलेरा टीआई को निलंबित करने की घोषणा की थी।

संशोधन तक नहीं लगा पाए
सहकारी सोसायटी अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ संशोधन लगाने थे। सरकार ने आनन-फानन में प्रस्ताव पास करा दिया। क्षेत्र के कई सवाल चर्चा में आने से रह गए। डॉ.गोविंद सिंह, विधायक लहार

मउगंज को जिला बनाने की थी मांग
मउगंज को जिला बनाने का अशासकीय संकल्प ला रहे थे। बाणसागर परियोजना को भी मउगंज तक ले जाने का विषय था। रीवा-मिर्जापुर रेल लाइन और केन्द्रीय विद्यालय का सवाल था। जनहित के मुद्दे हवा में उड़ गए। सुखेन्द्र सिंह बना, विधायक मउगंज

नुकसान तो जनता का हुआ
सिंचाई विभाग में गलत पदस्थापना, नगर निगम के दैवेभो के नियमितीकरण सहित कई विभागों के 17 सवाल थे। केवल तीन के जवाब आए। तरुण भनोत, विधायक जबलपुर पश्‍िचम

जमीन अधिग्रहण का मुद्दा था
पीथमपुर में किसानों की जमीन अधिग्रहित करने के साथ सड़के के मुद्दे थे। सियासत के आगे जनहित बौना रह गया। भंवर सिंह शेखावत, विधायक बदनावर

उत्तर तो आ जाएंगे
तीन सवाल लगाए थे। इनके उत्तर तो आ जाएंगे पर तात्कालिक विषय पर जो सवाल उठते, वे छूट गए। कांग्रेस ने सदन को सब्जी मण्डी बना दिया। रामेश्वर शर्मा, विधायक हुजूर

नुकसान तो हुआ है
92 सवाल लगाए थे। तात्कालिक लाभ की जो मंशा रहती है वो पूरी नहीं हो पाई। इसके लिए कांग्रेस का आचरण दोषी है। यशपाल सिंह सिसोदिया, विधायक मंदसौर

जवाब मिलेंगे
'जो सवाल विभागों को भेजे जा चुके हैं उनके जवाब आएंगे। बाकी सवाल, ध्यानाकर्षण और अशासकीय संकल्प लेप्स हो जाएंगे।' एपी सिंह, सचिव विधानसभा


#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !