भोपाल। मप्र शासन ने कलेक्टरों के पास मौजूद उन अधिकारों को छीन लिया है जिसका उपयोग करते हुए वो स्कूलों के अवकाश घोषित कर दिया करते थे। शासन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पिछले दिनों में कुछ कलेक्टरों ने मौसम के नाम पर स्कूलों की मनमानी छुट्टियां कर डालीं। जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो गया।
सभी संभागायुक्त और कलेक्टर को जारी निर्देश के अनुसार यदि विद्यालयों को बंद करने की आवश्यकता महसूस की जाती है तो संबंधित कलेक्टर स्कूल शिक्षा विभाग से अनुमति लेने के बाद ही ऐसा निर्णय कर सकेगा। समय-समय पर शासकीय विद्यालयों को बंद करने का निर्णय जिला प्रशासन द्वारा ले लिया जाता है। विद्यालय बंद रहने से शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रदेश के लगभग 88 प्रतिशत शासकीय विद्यालयों का संचालन एक पारी में पूर्वान्ह 10 बजे से सायं 5 बजे के बीच किया जाता है। विद्यालयों की संख्या एवं उनके संचालन के समय को देखते हुए केवल मौसम या अन्य आधार पर उन्हें बंद करने का निर्णय लिया जाना विद्यार्थियों के शैक्षणिक हित में नहीं है।