ग्वालियर। भिंड, रौंन, लहार, अटेर और गोहद में वर्ष 2006, 2009 और 2011 में हुई संविदा शाला शिक्षक वर्ग-1, वर्ग-2, वर्ग-3 में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ, इस मामले में जुड़े लोगों का कहना हैं कि संविदा शिक्षक बनाने के लिये डीएड और बीएड की फर्जी मार्कशीटों का उपयोग किया गया। करीब 500 फर्जी नियुक्तियां होने के आरोप लगे थे।
इस मामले में वर्ष 2006 में कुछ लोगों पर एफआईआर कराने की बात भी सामने आई। संविदा शिक्षक भर्ती कांड में रामबीर पुत्र गोविन्द, प्रेमनारायण पुत्र बदलू प्रसाद, हरीओम पुत्र पोशाकी लाल ने ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ की डबल बैंच ने सुनवाई करते हुये, प्रमुख सचिव शिक्षा, आयुक्त लोक शिक्षण, कलेक्टर भिंड को नोटिस जारी कर एक माह में फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही आदेश दिया है कि फर्जी संविदा शिक्षकों को तत्काल जांच से हटाया जाये। फर्जीवाड़े में संविदा शिक्षक बने लोगों पर की गई कार्यवाही की जांच रिपोर्ट भी हाईकोर्ट ने मांगी है।