नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जल्द ही अपनी महिला कर्मचारी को ऐसा तोहफा देने वाला है जिससे वह घर के कामों के साथ ही आफिस नहीं आकर भी सारे काम निपटा सकती हैं. हालांकि यह सुनने में थोड़ा सा अजीब जरूर लगेगा लेकिन यह है.
एसबीआई ने अपने आईटी डिपार्टमेंट से महिलाओं के लिए घर से काम और उसकी मॉनिटरिंग के लिए तकनीक मुहैया कराने को कहा है. बैक चाहता है कि अगर उसकी कोई कर्मचारी किसी कारण से आफिस ना सके तो वह घर बैठे ही अपना काम पूरा कर सके.
स्टेट बैंक की महिला चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य ने पद संभालते ही स्टॉफ में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए बच्चों की पढ़ाई या पैरंट्स की देखभाल के लिए दो साल की छुट्टी लेने की अनुमति देने की घोषणा की थी. इस के बाद अरुंधती ने अब महिलाओं को ज्यादा सुविधा देने के लिए घर से ही काम करने की तकनीक का प्रयोग करने का मन बनाया है.
अरुंधती ने कहा कि पहले बैंक में 38-40% महिलाएं कार्यरत थीं लेकिन ड्रॉपआउट रेट ज्यादा होने के कारण महिलाएं मात्र 20 प्रतिशत रह गई हैं. उन्होंने बताया कि बैंक में स्टाफों की कुल संख्या 2,22,033 है, जिनमें से 45,132 यानी 20 प्रतिशत से अधिक वर्कफोर्स महिला कर्मचारियों की है. ड्रॉपआउट के कई कारण हैं जैसे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल की जिम्मेदारी.
जहां ट्रांसफर की बात है तो हम स्टाफ को अजस्ट करने का प्रयास करते हैं लेकिन हम अभी फ्लेक्सिबल टाइमिंग प्रदान करने की स्थिति में नहीं हैं. हम इस बात पर गौर कर रहे हैं कि क्या टेक्नॉलजी के लिहाज से महिलाओं को घर से काम करने की अनुमति देना संभव है या नहीं.