जालसाजी के आरोपी बिल्डर अशोक गोयल के खिलाफ चालान पेश

भोपाल। करोंद क्षेत्र में करीब 100 करोड़ रुपए कीमत की 54 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से आवासीय प्लॉट काटकर उन्हें बेचने के मामले में ईओडब्ल्यू ने बिल्डर अशोक गोयल, अरुण कुमार मालपानी और उनके भाई जगदीश मालपानी के खिलाफ गुरुवार को चालान पेश किया है।

अशोक ने फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए सरकारी अफसरों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए की जमीन बेच दी थी। ईओडब्ल्यू ने 22 सितंबर को अशोक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह जेल में है।

करोंद क्षेत्र में व्यवसायी मुरलीधर गगन की 54 एकड़ जमीन थी। वर्ष 1986 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नि आनंदी बाई और दो बेटे अरुण कुमार मालपानी जगदीश कुमार मालपानी इस जमीन के वारिस थे। लैंड सीलिंग के तहत वर्ष 1992 में इसे सरकारी घोषित किया गया इसका रकबा कुल 54.57 एकड़ है। इसे सरकारी घोषित किए जाने पर अरुण एवं जगदीश ने हाईकोर्ट जबलपुर से स्टे ऑर्डर प्राप्त किया था। वर्ष 2005 में स्टे ऑर्डर खारिज हो गया था।

इस दौरान जमीन मालिक ने आरोपी बिल्डर से विक्रय अनुबंध किया एवं संतोष मीणा मतलुब अली को मुख्तारनामा आम (अधिकार पत्र) दिया। आरोपी अशोक, मतलुब अली, सीताराम यादव, संतोष, जावेद खान ने राजस्व विभाग, नगर निगम, टाउन एंड कंट्री प्लॉनिंग के अफसरों के साथ सांठगांठ कर सरकारी जमीन पर प्लॉट काट दिए थे। ईओडब्ल्यू ने गत छह सितंबर को मामला दर्ज करते हुए अशोक को गिरफ्तार किया था।

जांच में सामने आया कि अशोक और उसके साथियों ने करोंद की 54.57 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध रूप से हनीफ कॉलोनी, मुरलीनगर, शिवनगर काॅलोनी विकसित की। अशोक और मालपानी बंधुओं के खिलाफ गुरूवार को विशेष न्यायाधीश संजीव कालगांवकर की अदालत में चालान पेश किया गया है। सूत्रों के मुताबिक ईओडब्ल्यू इस मामले से जुड़े सरकारी विभागों के अफसरों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी के आधार पर जल्द ही गिरफ्तारी करेगी। पूरक चालान अदालत में पेश किया जाएगा।

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