भोपाल। प्रदेश में बिजली की दर बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी तीनों वितरण कंपनियों की ओर से टैरिफ में करीब 20 फीसदी की वृद्धि का प्रस्ताव देने जा रही है। कंपनी को उम्मीद है कि विद्युत नियामक आयोग 10 से 15 प्रतिशत तक दर बढ़ाने की अनुमति दे देगा।
इस साल टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं होने के बावजूद फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) के नाम पर 29 पैसे प्रति यूनिट दाम बढ़े थे,जो करीब 6 फीसदी होता है। यह बढ़ोतरी टैरिफ में शामिल हो जाएगी, इसके अतिरिक्त 5 से 10 फीसदी की और बढ़ोतरी की अनुमति मिल सकती है।
केन्द्र नहीं देता कोयला, इसलिए बढ़ेंगी कीमतें
जानकार बताते हैं कि बिजली उत्पादन के खर्चों में तेजी से वृद्धि हो रही है। कोल इंडिया पहले राज्य की जरूरत का 80 फीसदी कोयला देती थी, जिसे घटाकर 60 फीसदी कर दिया गया है। अब 40 फीसदी कोयला निजी क्षेत्र से लेना होता है। इसके अलावा इंडोनेशिया व अन्य देशों से कोयला आयात करने की भी कोशिश जारी है, इससे भी बिजली उत्पादन की लागत बढ़ेगी। साथ ही बूढ़े हो चुके पॉवर प्लांटों के रखरखाव का खर्चा भी तेजी से बढ़ रहा है।