नई दिल्ली। देशभर में धर्म के नाम पर हो रहे विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. मोदी की इस सीधी धमकी के बाद संघ का हिंदुत्ववादी चेहरा माने जाने वाले कई संगठन और नेता अब बैकफुट पर नजर आ रहे हैं.
मोदी ने संघ की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि मुझे स्वतंत्रतापूर्वक काम नहीं करने दिया गया तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. उन्होंने संघ से अपील की कि वह तुरंत विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे अनुषांगिक संगठनों की मुहिम को रोकें. उन्होंने जनता द्वारा पूर्ण बहुमत से चुने जाने की बात को आगे रखते हुए कहा कि जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत सुशासन, विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए दिया है, इसलिए पहले अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर लाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है.
संघ के नेताओं की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर और दूसरे मुद्दे बाद में भी देखे जा सकते हैं. पीएम के इस आग्रह के बाद संघ ने विहिप और बजरंग दल को अपने कदम पीछे खींचने के निर्देश दिए हैं.
पीएम के इस पहल के बाद ऐसा माना जा रहा है कि पिछले कई महीनों से चले आ रहे धर्म परिवर्तन से जुड़े बवाल थम जाएंगे. इसके साथ ही कई अन्य विवाद भी ठंडे बस्ते में डाल दिए जाएंगे. इसमें राम जन्मभूमि से जुड़े विवाद भी शामिल हैं. राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद मुकदमे के मुस्लिम पक्षकार मोहम्मद हाशिम अंसारी की पीएम से मुलाकात मोदी के इस कड़े रुख के बाद ही रद्द की गई.
आपको बता दें कि विहिप के सर्वोच्च नेता अशोक सिंघल खुद इस मामले में सीधे दिलचस्पी ले रहे थे और लगातार अंसारी के संपर्क में थे. बताया जाता है कि राम मंदिर को लेकर बीजेपी नेताओं के विवादास्पद बयानों और विहिप व बजरंग दल की कथित घर वापसी की मुहिम से परेशान होकर मोदी ने संघ के शीर्ष नेताओं से बात की.