देशभर में बैंक रॉबरी कर रहे हैं मध्यप्रदेश से फरार हुए आतंकी

भोपाल। मप्र पुलिस की एक गलती देशभर के लिए सिरदर्द बन गई है। मध्यप्रदेश की खंडवा जेल से फरार हुए 5 सिमी आतंकी अब देश भर में मूवमेंट बनाए हुए हैं। वो हथियारों और पैसों के लिए बैंकों को लूट रहे हैं। इतना ही नहीं वो माचिस की तीलियों से बम बनाते हैं और फिस्फोट करते हैं। अब तक वो कई धमाके कर चुके हैं।

पिछले साल एक अक्टूबर को मध्यप्रदेश के खंडवा जेल से फरार हुए शेख महबूब उर्फ गुड्डू उर्फ मलिक, अमजद उर्फ दाऊद, मोहम्मद असलम उर्फ बिलाल, मोहम्मद अजाजुद्दीन और जाकिर हुसैन की पुलिस को शिद्दत से तलाश है। खुफिया एजेंसियों को इनके बारे में एक सनसनीखेज जानकारी हाथ लगी है। खुफिया सूत्रों से मिली अहम जानकारी के मुताबिक ये ना सिर्फ एक के बाद एक धमाके कर रहे हैं बल्कि आतंक की किसी बड़ी साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ये बैंक भी लूट रहे हैं।

खुफिया एजेंसियों को शक है कि देश के कई इलाकों से एक के बाद एक कई बैंकों को इन्होंने लूटा है और उसका पैसा ये आतंकी साजिश के लिए इकट्ठा कर रहे हैं। बिजनौर में 12 सितंबर को हुए धमाके की जगह से एनआईए को दो ऐसी चीजें मिली जिसने जांच एजेंसियों के सोचने का ढंग ही बदल दिया।

इन दोनों चीजों से फरार आतंकियों के बारे में जो जानकारी मिली उससे जांच एजेंसियां सकते में आ गईं हैं। ये दोनों सुराग ठोस बहुत थे मगर फिर भी एजेंसियां फरार सिमी के आतंकियों को अब तक नहीं तलाश पाईं।

जांच एजेंसियों को ब्लास्ट के मौके से कुछ चौंकाने वाली चीजें मिलीं। इसमें .32 बोर का एक पिस्टल, एक लैपटॉप, दस किलो माचिस की तीलिया, भारी मात्रा में माचिस के डिब्बे और गैस सिलेंडर शामिल थे। इसके अलावा यहां से एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ। सबसे रहस्यमय बरामदगी थी माचिस की तीलियों की।
खुफिया सूत्रों की मानें तो जांच में ये सनसनीखेज खुलासा हुआ कि ये आंतकी माचिस की तीलियों से भी बम बनाने में माहिर हैं। जांच आगे बढ़ी तो ये भी पता चला कि एक फरवरी को इन्हीं लोगों ने तेलंगाना के करीम नगर में एक बैंक भी लूटा था।

यही नहीं फोन की जांच ने एक के बाद इस गिरोह के बारे में कई और जानकारियों का खुलासा किया। इसी फोन से जांच एजेंसियों को अब ये भी पता लग चुका है कि इस गिरोह ने देश के पांच शहरों की खास तरह से रेकी की है और इन शहरों में इनका डेरा कई कई दिन का रहा है।
जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई खुलासे होते गए। पता चला कि सिर्फ करीम नगर में इन्होंने बैंक ही नहीं लूटा था, बल्कि इस साल एक मई को चेन्नई रेलवे स्टेशन पर इन्होंने बैंगलोर गुवाहाटी एक्सप्रेस में ब्लास्ट को भी अंजाम दिया था। इसके अलावा इन लोगों ने पुणे के एक मंदिर के पास पार्किंग में भी 10 जुलाई को विस्फोट किया था। सवाल ये है कि क्या ये पांचों कथित आतंकी किसी बड़े प्लान पर काम कर रहे हैं। क्या छोटे विस्फोट किसी बड़े विस्फोट के पहले का परीक्षण है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो फिलहाल इनके निशाने पर देश के कई शहर हैं।

कहां गए 5 आतंकी
आखिर कहां हैं ये पांच चेहरे, आखिर कहां हैं सिमी के ये आतंकी। आईबीएन 7 को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों को शक है कि बिहार के आरा में मंगलवार को 15 किलो सोना और दो लाख रुपए की लूट के पीछे भी यही आतंकी हो सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि लुटेरों की लूट का तरीका बिल्कुल वैसा ही था जैसा कि बिजनौर ब्लास्ट करने वाले पांच आतंकियों का है।

मंगलवार 16 दिसंबर 2014 को दोपहर तीन बजे आरा शहर के बीचोंबीच नवादा थाना इलाके में मण्णापुरम गोल्ड ब्रांच में अचानक छह बंदूकधारी पहुंचे। अचानक हुए इस हमले से मण्णापुरण का सुरक्षा कर्मी भी हैरत में थे। कुछ ही पलों में इन सभी छह लुटेरों ने 15 किलो सोना और सवा दो लाख रुपए नकद की लूट की और गायब हो गए। पुलिस आज तक इनकी तलाश कर रही है।

जिस तरह से लूट हुई उसने एनआईए और आईबी के अधिकारियों के भी कान खड़े कर दिए हैं। आईबीएन 7 को मिली जानकारी के मुताबिक अब इस लूट कांड की जांच में बिहार एटीएस, स्पेशल ब्रांच के अलावा मध्यप्रदेश की एटीएस भी शामिल हो चुकी है। मध्यप्रदेश एटीएस की टीम आरा भी पहुंच चुकी है।

शक है कि यूपी के बिजनौर में धमाके को अंजाम देने वाले सिमी के ये आतंकियों ने इस लूट को अंजाम दिया है। ये वही है जो खंडवा की अदालत से सुरक्षा कर्मी की हत्या करके फरार हुए थे। खुफिया एजेंसियों को शक है कि ये लोग बिहार या झारखंड के किसी इलाके में हो सकते हैं।
सूत्रों की माने तो अब इस लूट की जांच में एनआईए और आईबी भी शामिल होगी। यानि आरा में हुई लूट महज एक लूट की घटना नहीं है। हो सकता है कि ये किसी बड़ी आतंकी साजिश में पैसों की कमी पूरी करने के लिए की गई लूट हो।

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