राकेश दुबे@प्रतिदिन। निश्चित ही यह कांग्रेस के लिए आत्ममंथन का दौर आ गया है| जिन राज्यों में स्थानीय संस्थाओं के चुनाव हुए हैं या होने जा रहे हैं, मोदी बयार बहती दिखाई दे रही है| इसका असर विधानसभा चुनावों पर भी हो तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए|राजस्थान में लोकसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनावों में कांग्रेस को जबर्दस्त कामयाबी मिली थी। तब कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि मोदी लहर की हवा निकल गई गई। अब पांसा पलट गया है|
सच यह है कि उपचुनावों के नतीजे के बाद वसुंधरा सरकार और राजस्थान सहित सारी भाजपा स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर गंभीर थी| भाजपा को राजस्थान स्थानीय निकाय चुनाव में रेकॉर्ड जीत मिली। 6 महत्वपूर्ण नगर निगमों में से भाजपा को 5 पर जीत मिली है। साथ ही 18 काउंसिल और 22 नगर पालिकाओं पर भाजपा का झंडा पहरा रहा है|
कांग्रेस के गढ़ जोधपुर में भाजपा सेंध लगाने में सफल रही। दूसरी तरफ उदयपुर में भाजपा 55 में 49 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। कांग्रेस जोधपुर और बीकानेर में जीत को लेकर आश्वस्त भी लेकिन यहां भी वह नाकाम रही। भाजपा ने कोटा और जयपुर में भी वापसी की है लेकिन भरतपुर में सबसे ज्यादा 21 सीटें निर्दलियों के नाम रहीं। यहां भाजपा को 18 और कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली। उदयपुर में जीत के बाद राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया की पार्टी में स्थिति और मजबूत हुई है। उदयपुर कटारिया का गृह क्षेत्र है। कटारिया ही राजस्थान के निकाय चुनावों बह्ज्पा को लीड कर रहे थे। इस शानदार प्रदर्शन के लिए कटारिया को सबसे ज्यादा श्रेय मिलेगा।
मध्यप्रदेश में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा है| भारतीय जनता पार्टी के सामने कोई चुनौती नहीं है| कांग्रेस की गुटीय राजनीति ने उसे प्रतिपक्ष की मजबूत भूमिका से बहुत दूर कर दिया है| झारखंड और कश्मीर में मोदी बयार की खबरे आ रही है| निश्चित ही यह कांग्रेस के लिए आत्म मंथन का दौर है|
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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rakeshdubeyrsa@gmail.com
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