नौ माह पहले बाबा रामपाल आश्रम गई मुलताई की महिला गायब

बैतूल। बैतूल जिले के मुलताई के रिटायर्ड शिक्षक बसंत दास नागले की पत्नी नौ माह पहले रामपाल के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम से गायब हो गई थी। नागले ने बरवाला थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मुलताई थाने में भी इसकी सूचना दी थी। रामपाल का सच सामने आने पर नागले ने इस बात का खुलासा किया है।

नागले ने बताया कि वह पत्नी द्वारका (60) के साथ 28 फरवरी 2014 को रामपाल के दर्शन करने बरवाला स्थित सतलोक आश्रम गए थे। आश्रम की महिलाएं द्वारका को अपने साथ चाय पीने ले गईं। इसके बाद से द्वारका उन्हें नजर नहीं आई। नागले ने बताया कि दो दिन तक आश्रम में पत्नी को खोजते रहे लेकिन पता नहीं चला।

उन्होंने रामपाल को भी द्वारका के गायब होने की बात बताई। रामपाल ने उनसे कहा कि, यहीं-कहीं आश्रम में होगी। इसके बाद नागले ने बरवाला पुलिस को सूचना दी। इसके बाद वे मुलताई वापस आ गए।

6 मार्च 2014 को वे दोबारा बरवाला गए और आश्रम में पत्नी काे तलाशा। लेकिन तब भी कुछ पता नहीं चला। उन्होंने बरनाला पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। नागले ने बताया कि 13 मार्च को मुलताई थाने में भी सूचना दी थी। मुलताई टीआई एसके सिंह के मुताबिक, आवेदन को संबंधित थाने में भेजा गया था।

इलाज की उम्मीद में जुड़े थे रामपाल से
नागले ने बताया कि उनकी पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती थी। लोगों ने उन्हें बताया था कि रामपाल के आश्रम में सभी मरीज ठीक हो जाते हैं। इस स्थिति में वे पत्नी द्वारका को लेकर आश्रम गए थे। पत्नी के गायब होने के बाद उन्होंने आश्रम से नाता तोड़ दिया था।

बाबा रामपाल के बैतूल आश्रम में सन्नाटा
यह है मप्र के बैतूल जिले के गांव उड़दन में स्थित रामपाल का 70 एकड़ में बन रहा आलीशान आश्रम। हरियाणा में हिंसक कार्रवाई के बाद गिरफ्तार हुए रामपाल का यह आश्रम भी अब सूना हो गया है। रामपाल के सारे अनुयायी जैसे भूमिगत हो गए हैं।

पुलिस की थी पैनी नजर...
हिसार(हरियाणा) में हिंसा के बाद इस आश्रम पर भी पुलिस नजर रखे हुए है। पुलिस मुख्यालय ने कलेक्टर से इस आश्रम से जुड़ीं गतिविधियों के संबंध में रिपोर्ट तलब की थी। बैतूल कलेक्टर ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि, कानून-व्यवस्था के मद्देनजर बैतूल पुलिस रामपाल के इस आश्रम पर नजर रखे हुए है।

रामपाल का भाई खरीदता है आश्रम के लिए जमीन
स्थानीय लोगों के मुताबिक रामपाल के भाई बलवीर ने इस आश्रम के लिए 70 एकड़ भूमि खरीदी थी। आश्रम शुरू से ही विवादों में रहा है। बताया जाता है कि करीब डेढ़ वर्ष पहले यहां दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह और बात है कि मामला रफा-दफा कर दिया गया।

अनाप-शनाप पैसा खर्च हो रहा आश्रम के निर्माण पर...
उड़दन गांव के इस आश्रम के निर्माण पर अनाप-शनाप पैसा खर्च किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस आश्रम में एक साथ करीब 50 हजार लोग बैठ सकते हैं। इसमें दो स्वीमिंग पूल और वॉटर फिल्टर तैयार किया जा रहा है।

इस आश्रम के ट्रस्टी कुछ स्थानीय लोग हैं, तो कुछ नागपुर (महाराष्ट्र) के बताए जाते हैं। रामपाल के हरियाणा के आश्रम से जुड़े आधा दर्जन शिष्यों का भी यहां आना-जाना था।

बाबा सस्यसाय बोलो तब खुलता है आश्रम का दरवाजा
आश्रम में 15 फीट ऊंचा प्रवेशद्वार है। यहां तैनात गेटकीपर तब तक दरवाजे नहीं खोलता, जब तक उसे यह यकीन नहीं हो जाता कि बाहर खड़ा व्यक्ति रामपाल का अनुयायी है। इसके लिए उसे बाहर से बाबा सस्यसाय कहना होता है, जो बाबा के अनुयायी होने की पहचान है। आश्रम में लगभग 30 से ज्यादा कमरे बने हैं, कुछ निर्माणाधीन हैं। 12 फीट ऊंची और ढाई फीट मोटी बांउड्रीवाल से आश्रम को चारों ओर से बंद किया गया है, जबकि स्टेज सहित कुछ जमीन के समतलीकरण का काम अंतिम चरण में है। रामपाल की गिरफ्तारी से पहले आश्रम के गेट पर व्यवस्थाओं की देखरेख करने वालों के फोन नंबर लिखे हुए थे, जिन्हें अब मिटा दिया गया है।


#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !