पहले संविदाकर्मियों को नियमित करें, उसके बाद सीधी भर्ती करे सरकार

भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मप्र शासन के मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपते हुये कहा है कि सरकार ने 20 नवंम्बर को सीधी भर्ती के 992 पदों का विज्ञापन निकाला है, जिसमें उपयंत्रियों के 404, राजस्व निरीक्षक के 419, अन्वेषक के 100, लिपिक वर्ग के 69 पद शामिल हैं।

दस से बीस वर्षो से लाखों संविदा कर्मचारी इन्हीं संवर्गो में अनेक विभागों में पर कार्य कर रहे हैं। सरकार उन्हें इन पदों पर नियिमत करने की बजाए नई सीधी भर्ती कर रही है, जिससे दो लाख संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है।

मप्र सरकार जब संविदा शिक्षिकों की भर्ती करती है तो अतिथि शिक्षकों को 20 अंको का बोनस देेती है, शिक्षा कर्मियों, गुरूजियों, पंचायत कर्मियों को बिना किसी परीक्षा के नियिमत करती है, तो संविदा कर्मचारियों से सरकार की ऐसी कौन सी दुश्मनी है कि जब लिपिक तृतीय श्रेणी या लिपिक वर्गीय पदों पर नियमित सीधी भर्ती का विज्ञापन सरकार निकालती है तो ना संविदा कर्मचारियों को उन पदों पर प्राथमिकता के आधार पर नियमित करती है ना ही भर्ती में प्राथमिकता देती है ना ही बोनस अंक।

म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है सरकार की इस दोहरी नीति से वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों में बेहद आक्रोश है । यदि सरकार वर्तमान में सीधी भर्ती के लिए विज्ञापित पदों पर संविदा कर्मचारियों को नियिमत नहीं करती है या उनको बोनस अंक नहीं देती तो संविदा कर्मचारी महासंघ आंदोलन करेगा । क्योंकि सरकार की इस दोहरी नीति के कारण ही कर्मचारी आंदोलन करते हैं और सड़को पर उतरते हैं । इसके लिए सरकार में बैठे वो अधिकारी जिम्मेदार हैं जो नीति और नियम बनाते हैं ।
                                                  

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !