ये बाईक नहीं फायर ब्रिगेड है, तंग गलियों में पहुंचेगी आग बुझाने

नितिन दवे/भोपाल। राजधानी की तंग गलियों में आग लगने पर कई बार फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाती थीं। इससे आग बुझाने में दिक्कत तो आती ही है साथ ही समय पर सहायता भी नहीं मिल पाती है लेकिन नगर निगम ने इस परेशानी से निपटने का विकल्प खोज लिया है। अब शहर की तंग गलियों और घनी बसाहट वाले इलाकों में फायर ब्रिगेड की दोपहिया गाड़ियां आग बुझाने का काम करेगी।

इसके लिए निगम 7 मोटर सायकल खरीद रहा है। इन मोटर साइकिलों में आग बुझाने के सभी साधनों के साथ ही आपात स्थिति में बचाव के लिए आवश्यक उपकरण मौजूद रहेंगे। शुरुआत में प्रयोग के तौर पर इन्हें राजधानी में लगने वाले इज्तिमा में तैनात किया जाएगा। इसके बाद ये फायर अमले में शामिल हो जाएंगी। इस तरह की सुविधा अभी फिलहाल देश के चैन्नई और पूना के फायर अमले के पास है। अब भोपाल तीसरा शहर होगा।

ऐसी होगी छोटी फायर ब्रिगेड
इन फायर ब्रिगेड्स को बुलेट मोटरसायकल पर तैयार किया जाएगा। इनमें दो लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। प्रत्येक की कीमत 1 लाख 25 हजार होगी। इनका रंग भी फायर ब्रिगेड की तरह लाल होगा। इनमें लाल, नीली, पीली बत्ती और सायरन लगा रहेगा। निगम ने इसके लिए ऑर्डर जारी करने की तैयारी कर ली है। एक सप्ताह में इनका डिमॉन्स्ट्रेशन भी किया जाएगा। प्रत्येक फायर स्टेशन पर दो-दो मोटरसाइकल फायर ब्रिगेड तैनात की जाएंगी।

इसलिए पड़ी जरूरत
पुराने शहर के अधिकतर इलाकों में तंग गलियां और संकरी सड़कें हैं, जिनमें चार पहिया वाहन या बड़े वाहनों का घुसना संभव नहीं होता। इस स्थिति में आग लगने पर फायर अमले के सामने मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। लम्बे पाइप ले जाकर आग बुझाने के प्रयास किए जाते हैं, जिसमें कई बार देरी होने से स्थिति बिगड़ जाती है।

फिलहाल जीप है छोटा दमकल वाहन
राजधानी में मौजूदा समय में सबसे छोटी फायर ब्रिगेड के रूप में जीप का इस्तेमाल होता है। यह भी सीआईएसएफ (भेल) की है। इसने अलावा निगम के पास छोटी फायर ब्रिगेड के रूप में टाटा 407 वाहन हैं। ये दोनों भी तंग गलियों में नहीं घुस पाते।

फायर अमला एक नजर में
- शहर में फायर स्टेशन- 6
बैरागढ़, माता मंदिर, बोगदापुल, गोविन्दपुरा, अरेरा हिल्स और फतेहगढ़
- प्रत्येक में फायर फाइटर- 3
- फायर अमला- 225
- एक साल में आग लगने की औसत घटनाएं- 1200
- एक माह में आग लगने की औसत घटनाएं- 100

यहां आग लगने में हुई परेशानी

केस 1 -11 नबवंर को भोपाल टॉकीज स्थित दोपहिया वाहन शोरूम में आग लग गई थी। जाम के चलते फायर ब्रिगेड यहां देरी से पहुंची जिससे ज्यादा नुकसान हो गया।

केस 2 - पिछली 20 जुलाई को भारत टॉकीज के पास आरा मशीन में आग लग गई थी। जहां आग लगी थी, वहां पहुंचने का रास्ता संकरा था, जिससे आग पर काबू पाने में फायर अमले को ज्यादा वक्त लग गया।

केस 3 - गत वर्ष दिसंबर में सब्जी मंडी स्थित एक फर्नीचर शोरूम के गोदाम में आग लग गई। यह शोरूम भी तंग गली में था, फायर अमले को दीवारें तोड़नी पड़ीं तब जाकर वह घटनास्थल पर पहुंच पाया।

* नगर निगम दोपहिया फायर ब्रिगेड खरीदने जा रहा है। इससे तंग इलाकों में आग पर काबू पाने में आसानी होगी। - कृष्णा गौर, महापौर

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !