भोपाल। मात्र 23 साल पहले छह करोड़ रुपए खर्च कर इंद्रपुरी में बनाए गए तीन मंजिला अजंता कॉम्पलेक्स को भोपाल विकास प्राधिकरण ((बीडीए)) ने तोडऩे का फैसला किया है।
यहां अब लगभग 90 करोड़ रुपए खर्च कर बहुमंजिला कॉम्पलेक्स बनाया जाएगा। बीडीए का कहना है कि मौजूदा इमारत जर्जर हो गई है, इसलिए इसे तोड़ा जाएगा। जबकि असलियत यह है कि बीडीए इसी जमीन पर दोगुने फ्लैट बनाकर नए फ्लैट बेचेगा और अपनी आमदनी बढ़ाएगा।
अजंता कॉम्पलेक्स को बीडीए ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है। यहां दो साल में छह-सात मंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। इसके बाद छह नंबर और दस नंबर मार्केट की इमारतों को भी नया स्वरूप दिया जाएगा। वर्तमान में इमारतों में रहने वाले लोगों को नई इमारत बनने तक दूसरी जगह रहने के लिए फ्लैट का किराया दिया जाएगा। काम पूरा होने के बाद उन्हें मुफ्त में नए फ्लैट दिए जाएंगे।
मुनाफे का गणित
अजंता कॉम्प्लेक्स में 383 फ्लैट्स हैं, जो करीब डेढ़ लाख वर्ग फीट में बने हैं। बीडीए ने री-डेवलपमेंट प्लान के लिए यहां सर्वे शुरू किया है। इसमें यहां करीब 4 लाख वर्गफीट निर्मित क्षेत्र है। करीब 700 फ्लैट बनाने पर प्रारंभिक लागत अनुमान 90 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। इसमें से 383 फ्लैट लोगों को वापस करने के बाद भी बीडीए के पास 313 फ्लैट बचेंगे। बीडीए इन्हें बेचकर निर्माण पर खर्च होने वाली रकम की भरपाई करने के साथ मुनाफा भी कमाएगा।
बीडीए द्वारा 20 से 30 साल पहले बनाई गई बहुमंजिला इमारतें अब जर्जर होने लगी हैं। नगर निगम को हैंडओवर होने के बाद भी बीडीए इनका मेंटेनेंस नहीं करा रहा है। तीन साल पहले अजंता काम्पलेक्स में छज्जा गिर गया था। राजनीतिक दबाव की वजह से बीडीए ने इसे सुधरवा दिया, लेकिन ऑडिट की आपत्ति के कारण ठेकेदार को पेमेंट नहीं हो पाया। साकेत नगर में नाले की दीवार ढहने पर यही समस्या सामने आई थी। इसी वजह से घटिया निर्माण के कारण बार-बार बीडीए पर सवाल उठते हैं।