इन गावों में जान हथेली पर लेकर वोट डलवाने जाएंगी पोलिंग पार्टियां

झाबुआ/आलीराजपुर। झाबुआ संसदीय क्षेत्र में 24 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। इसके लिए 23 अप्रैल को मतदान दल गंतव्य के लिए रवाना हो जाएंगे। यहां दो मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पहुंचने के लिए उन्हें 9 किमी तक नावों से यात्रा करनी होगी। फिर 1 किलोमीटर पैदल चलना होगा।

इन गांवों के नाम हैं- झंडाना और भिताड़ा। नर्मदा नदी के बीच टापू की तरह बसे इन गांवों में वोटिंग करवाना हर बार प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर होता है। ये बात अलग है कि अभी नर्मदा का जलस्तर कम है और परेशानी इतनी ज्यादा नहीं है। ठीक पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव में ऐसे गांवों की संख्या 4 थी, जहां नाव से मतदान दलों को जाना पड़ा था। अभी पानी उतर जाने से सकरजा और खुंदी गांव तक चार पहिया वाहन की पहुंच शुरू हो गई है। यहां की टीमों को सेक्टर मजिस्ट्रेट की जीपों से पोलिंग बूथ तक भेजा जाएगा।

गुजरात के बीच जिले का एक गांव

वोटिंग के समय हर बार जिले के एक गांव साजनपुर की चर्चा होती ही है। ये गांव नक्शे में ऐसा दिखाई देता है, जैसे भारत के साथ अंडमान-निकोबार द्वीप दिखते हैं। साजनपुर गांव नक्शे में तो आलीराजपुर जिले का हिस्सा है, लेकिन ये गुजरात राज्य के बीच बसा हुआ है। इसके चारों ओर गुजरात की सीमा है। बीच में है ये मध्यप्रदेश का अकेला गांव। दो हजार की आबादी वाले इस गांव का हर रास्ता गुजरात से होकर जाता है। यहां के गांव वालों के लिए भी आलीराजपुर किसी दूसरे राज्य के जिले की तरह है। लेकिन उन्हें मजबूरन अपने सरकारी काम के लिए यहां आना होता है। 16 तारीख को इंदौर में मुख्य सचिव एंटनी डीसा द्वारा ली गई बैठक में भी इस गांव की चर्चा हुई। यहां के लोगों को वोटिंग के लिए प्रेरित करने के निर्देश बैठक में दिए गए।

पलायन का मुद्दा उठा

उल्लेखनीय है कि श्री डीसा ने बुधवार को इंदौर संभाग के अधिकारियों की बैठक इंदौर में ली। इसमें झाबुआ-आलीराजपुर जिलों से होने वाले पलायन पर चर्चा हुई। इन दिनों बड़ी संख्या में वोटर काम के लिए गुजरात गए हुए हैं। उन्हें वोटिंग के लिए लाने के लिए कलेक्टरों से प्रयास करने को कहा गया। बैठक में राज्य के डीजीपी नंदन दुबे, प्रमुख सचिव गृह आरके स्वाई, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस सरबजीत सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व व्यवस्था एसएल थाउसन, कमिश्नर संजय दुबे, डीआईजी राकेश गुप्ता, झाबुआ कलेक्टर बी चंद्रशेखर, आलीराजपुर कलेक्टर एनपी डेहरिया, झाबुआ एसएसपी एसपी सिंह और आलीराजपुर एसपी अखिलेश झा सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर-एसपी मौजूद थे।

होली के बाद गांव खाली

दरअसल दोनों जिलों से बड़ी संख्या में पलायन होता है। होली पर हर कोई त्योहार करने अपने घर आया था, लेकिन अब गांव खाली हो चुके हैं। खेती का भी सीजन नहीं होने से ग्रामीण गुजरात में ही मजदूरी कर आमदनी कर रहे हैं। ऐसे में लाख कोशिशों के बावजूद इन दोनों जिलों में मतदान में खास बढ़ोतरी कभी नहीं हुई। इन लोगों को वोटिंग के लिए बुलाने के लिए कई तरह के प्लान पर विचार किया गया। लेकिन इसके लिए अलग से बजट नहीं होने से इन्हें लागू नहीं किया जा सका। मजदूर सिर्फ वोटिंग के लिए खुद रुपए खर्च कर परिवार सहित यहां आएं, ये संभव नहीं है। उन्हें आने-जाने के खर्च सहित इन दिनों की मजदूरी भी छोड़ना पड़ेगी।

लोकसभा चुनाव में दो मतदान केंद्रों पर मतदान दलों को नाव से भेजा जाएगा। विधानसभा चुनाव में ऐसे चार मतदान केंद्र थे। नाव की व्यवस्था कर ली गई है।
बीपी जोशी
सहायक निर्वाचन अधिकारी, आलीराजपुर

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