भोपाल। राजधानी में चुनावी जंग तेज हो गई है। शुरूआत में पीसी शर्मा की सुनिश्चित जीत से शुरू हुई लड़ाई अब जोरदार मुकाबले में बदल गई है। मोदी की लहर के अलावा कांग्रेसियों की गद्दारी भी पीसी के लिए बड़ी समस्या बन गई है। कांग्रेस में मौजूद कायस्थ समाज के लोग पीसी के लिए काम नहीं कर रहे हैं।
भोपाल लोकसभा सीट पर कायस्थ समाज के वोट भी प्रभावी माने जाते हैं, पीसी शर्मा का नाम घोषित होते ही यह मान लिया गया था कि जीत इकतरफा होगी, फिर चाहे सामने कैलाश जोशी हों या आलोक शर्मा, परंतु भाजपा ने आलोक संजर को मैदान में उतार दिया।
एक तो मोदी लहर, दूसरे सोनिया गांधी की सभा रद्द होने के बाद पीसी शर्मा की स्थिति का कमजोर होना और इसके इतर अपने ही कांग्रेसियों का पीसी के खिलाफ जाना इस चुनाव के रुख बदल रहा है। यह जानकारी पीसी शर्मा तक भी पहुंच चुकी है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में महत्वपूर्ण पदों पर मौजूद कई नेता चोरी छिपे आलोक संजर के लिए वोट मांग रहे हैं। माना जा रहा है कि भोपाल का लगभग पूरा का पूरा कायस्थ समाज इन दिनों आलोक संजर के साथ खड़ा हो गया है और इस लाबिंग में कांग्रेस के कायस्थ नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।