सरकारी गेंहू प्राईवेट गोदामों में क्यों रखवा रहे हो शिवराज: अरुण यादव ने पूछा

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अरूण यादव ने सरकार से पूछा है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे जा रहे गेहूं के भंडारण के लिए खाली सरकारी गोदाम उपलब्ध रहते हुए भी वेयर हाउसिंग एंड लाजिस्टिक कारपोरेशन द्वारा निजी गोदामों में भारी मात्रा में गेहूं क्यों रखवाया जा रहा है ?

इस प्रकार की अव्यावहारिक व्यवस्था के कारण सरकार को गोदामों के किराये के बतौर लाखों रूपये का अनावश्यक खर्च उठाना पड़ रहा है और उसके लिए कौन जवाबदार है?

आपने कहा है कि शुक्रवार-शनिवार को राज्य के कुछ क्षेत्रों में आंधी-तूफान के साथ बेमौसम बरसात भी हुई है। जिलों से मिली सूचनाओं के अनुसार समर्थन मूल्य पर खरीदा गया जो गेहूं असुरक्षित रूप से गेहूं उपार्जन केंद्रों पर पड़ा था-वह बड़ी मात्रा में भीग गया है। संबंधित अधिकारी अपनी इस लापरवाही को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। यह लापरवाही जाहिर करती है कि किसानों के गाढ़े पसीने की कमाई (उपज) के प्रति सरकार कितनी लापरवाह है। क्या अब सरकार की जवाबदारी केवल समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने तक सीमित होकर रह गई है ?

श्री यादव ने कहा है कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं को रखने के लिए सरकारी गोदाम की उपलब्धता रहने बाद भी निजी गोदाम मालिकों को उपकृत करने के पीछे संबंधित कारपोरेशन के अधिकारी यह बहाना बना रहे हैं कि ये खाली गोदाम सोयाबीन और खाद के लिए सुरक्षित रखे गये हैं, लेकिन जो गेहूं भंडारण के लिए आज उपलब्ध है, उसको तत्काल उपलब्ध गोदामों में रखवाने की बजाय भविष्य की संभावित आवश्यकता के लिए खाली रखना कहां की अक्लमंदी है ?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि पूर्व का अनुभव रहा है कि निजी गोदामों में जो सरकारी माल रखा गया है, उसमें भारी गड़बडि़यां हुई हैं। उदाहरण के लिए तीन वर्ष पूर्व वेयर हाउसिंग कारपोरेशन शाखा मंडीदीप जिला रायसेन के प्रबंधक ने चिकलोद मार्ग पर बने वेयरहाउस में सोयाबीन रखवाया था, उसमें से करीब दस हजार क्विंटल से अधिक सोयाबीन गायब हो गया था, जिसकी उच्चस्तरीय जांच भी हुई, लेकिन आज तक उसका कोई सुराग नहीं लगा।

आपने कहा है कि सर्वविदित है कि अधिकांश निजी गोदाम भाजपा नेताओं और पार्टी के स्थानीय रसूखदार कार्यकर्ताओं के हैं। वे कारपोरेशन के अधिकारियों पर ऊपर से दबाव डलवाकर सरकारी गेहूं अपने गोदामों में रखवा रहे हैं और जमकर कमाई कर रहे हैं।


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