अनंत माहेश्वरी/खंडवा। आवारा जानवर मध्यप्रदेश में एक नई समस्या बन गए हैं। शिवपुरी में सूअरों ने सिंधिया की नींद हराम कर रखी है तो इन्दौर के आवारा कुत्तों का मामला अब हाईकोर्ट में है। इधर खंडवा में आवारा कुत्तों ने एक मासूम बालिका को जिंदा नौंच डाला। इस हमले में बालिका की मौत हो गई और शुरू हो गया है हंगामा।
गाँव की रहने वाली मासूम बच्ची आरती जब खेत में शौच के लिए गई, तब आवारा कुत्तों के झुण्ड ने उस पर हमला कर दिया , कुत्तों के हमले में घायल बालिका अपने बचाव के लिए चीख भी नहीं सकी। क्योंकि कुत्तों ने उसका जबड़ा चबा डाला। इस घटना की जानकारी मिलते ही समूचे गांववासी घटना स्थल पर जमा हो गए। ग्रामीणो का साफ़ आरोप है की , गाँव में कुत्तों की संख्या बढ़ने में खंडवा का योगदान है, खंडवा नगर निगम के द्वारा छोड़े गए आवारा कुत्तों ने गांव में आतंक मचा रखा है।
इसके अलावा गांव के पास मृत पशुओं के अवशेष फेंके जाते है, जिसके कारण यहां आवारा कुत्तो की संख्या में दिन -रात बढ़ोतरी हो रही है। हालत यह है की ये आवारा कुत्ते पशुओं पर तो हमला करने के अलावा ग्रामीणो को भी अपना शिकार बनाते रहते है। गाँव के राधेश्याम मालाकार, मोहन मालाकार ने साफ़ चेतावनी दी है की इन कुत्तों के सम्बन्ध में जब -तक कोई नेता निर्णय नहीं लेता – तब -तक उसे वोट नहीं देंगे।
आठ बेटियो के पिता शांतिलाल मालाकार पेशे से मजदूर है। गाँव में मजदूरी नहीं मिलती , इसलिए शांतिलाल और उसकी पत्नी को मजदूरी की तलाश में बाहर गाँव जाना पढता है। ऐसे में आठो बेटियां घर पर अकेली रहती थी , किराए के घर में रहकर अपने परिवार का गुजर-बसर करने वाले शांतिलाल की सातवे नंबर की बेटी आरती गाँव से लगे हुए खेत में शौच के लिए गई। मासूम बच्ची को अकेला देख आवारा कुत्तों ने उसपर हमला कर दिया। जिससे बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। गाँव की महिला कोकिला बाई की माग है की इन कुत्तों को जहर देकर मारा जाए।
गाँव के सरपंच पुत्र रुपेश कोठारी की भी यही मांग है की इन आवारा कुत्तो से निपटने की लिए शासन कोई योजना बनाये। इसके पहले भी वे आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर खंडवा कलेकटर को शिकायत कर चुके है। लेकिन समाधान नहीं हुआ। और आज आदमखोर कुत्तों ने गाँव की बेटी की जान ले ली। रुपेश कोठारी ने कहा की जब- तक इस समस्या के निराकरण होने तक कोई भी ग्रामीण वोट नहीं डालेगा।
ग्रामीणो की सुचना पर घटना स्थल पहुंची मोघट पुलिस ने पंचनामा बनाकर मर्ग कायम किया और बालिका के शव को एक सौ आठ एम्बुलेंस से पोस्टमार्टम हेतु खंडवा जिला चिकित्सालय पहुंचाया। आक्रोशित ग्रामीणो ने थाना प्रभारी को घेर किया और कुत्तों की समस्या से निजात दिलाने की मांग करने लगे, मोघट थाना प्रभारी रविन्द्र यादव ने ग्रामीणो को समझाईश दी, की अकेले बच्चों को घर से बाहर ना जाने दे , और इस समस्या को लेकर गाँव का एक प्रतिनिधि मंडल खंडवा जाए और खंडवा नगर निगम आयुक्त के सामने अपनी बात रखे।
ग्रामीणो की समस्या दूर करने के सरकार लाख दावे करे, लेकिन समस्या है की किसी न किसी रूप में सामने आ ही जाती है। देखना यह होगा की खंडवा के ग्राम सिहाड़ा में कुत्तों के हमले से हुई। एक मासूम की मौत को सरकार कितनी गंभीरता से लेती है।