ये रही मध्यप्रदेश के भ्रष्ट अफसरों की लिस्ट

भोपाल। बिना लागलपेट के हम सीधे वो मध्यप्रदेश के उन अफसरों की लिस्ट प्रकाशित करने जा रहे हैं जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, जांच चल रही है या जांच पूरी हो गई ओर लोकायुक्त चालान पेश करने की इजाजत मांगने सीएम के दरवाजे पर लम्बे समय से खड़ा है। बावजूद इसके ये लोेग मजे में हैं।

सुधी रंजन मोहंती की लोकायुक्त जांच चलते देश में पहली बार यह कहकर पदोन्नति कर दी गयी कि अगर जांच में अपराधी पाया गया तो उनकी पदावनति कर दी जायेगी। डॉ. राकेश राजोरा, अजीता वाजपेयी अरूण भटट्, रमेश शिवराम थेटे, उज्जैन में पदस्थ कलेक्टर बृजमोहन शर्मा, संभागायुक्त अरूण पांडे सहित दर्जनों अफसर कमाई के पदों पर बैठकर खूब रिश्वत खा रहे है।

कभी ग्वालियर में पदस्थ आयुक्त नगर निगम एसके वाष्र्णेय पर जांच प्रकरण क्रमांक 356/93 दिनांक 9.9.98 से दर्ज है। निकुंज श्रीवास्तव जब छिंदवाड़ा कलेक्टर थे तब उन पर जांच प्रकरण क्रमांक 381/2009 जो 14.01.2010 को दर्ज हुआ। बृजमोहन शर्मा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिंदवाड़ा के पद पर रहकर मनरेगा में हेराफेरी और फर्जी खरीदी करने पर लोकायुक्त में जांच प्रकरण 238/09 दिनांक 14.01.2010 दर्ज हुआ। बृजमोहन शर्मा वर्तमान में उज्जैन कलेक्टर है। मनीश श्रीवास्तव कलेक्टर शिवपुरी थे तब दो प्रकरण जांच 337/07 दिनांक 14.01.2010 दर्ज है। अरूण पांडे पूर्व कलेक्टर रायसेन व वर्तमान में संभागायुक्त उज्जैन के पद पर पदस्थ है। रायसेन के एक मामलें में जांच प्रकरण 208/5 दर्ज है।

अशोक देशवाल तत्कालीन अपर कलेक्टर ग्वालियर अपराध क्रमांक 01/2008 धारा 13 (1) डी 13 (2) पीसी एक्ट 1988 व धारा 420, 467, 474, 120 बी, 34 भादवि। श्रीमती भारती देशवाल के नाम से ग्राम मेहरा की 24 बीघा भूमि ग्राम दुरावली में बताकर शासन को हानि पहुंचाने की नियत से रजिस्ट्री में ग्राम मेहरा जोड़कर नामांतरण कराये जाने के संबंध में मामला दर्ज है। दिनांक 5-8-2010 प्रकरण में देशवाल के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति नहीं दिये जाने का आदेश जारी किये। इस संबंध में भारत सरकार से 30.04.2011 से निर्णय अपेक्षित है। श्रीमती अजीता वाजपेयी तत्कालीन सदस्य मप्र विद्युत मंडल जबलपुर क्रमांक 46/04 धारा 13 (1) डी, 13(2) मुनिअ एवं धारा 120 बी भादवि अनियमितताओं के मामलें में दर्ज हुआ। दिनांक 28.07.2011 को प्रकरण में अभियोजन अस्वीकृति का निर्णय लिया गया। 24.10.2011 को विधि विभाग नें अभियोजना अस्वीकृतिक का आदेश जारी कर दिया। रमेश शिवराम थेटे तत्कालीन संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण जबलपुर अपराध क्रमांक 68/2002 गलत जानकारी देकर पर्सनल ऋण बैंको से प्राप्त करना। प्रकरण क्रमांक 68/2002 विशेष प्रकरण क्रमांक 03/2009 धारा 13 (1) ई, 13 (2) पीसी एक्ट 1988 अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने, चेक बाउंस होने जैसे आरोप है।

राघचन्द्रा तत्कालीन आयुक्त गृह निर्माण मंडल भोपाल अपराध क्रमांक 165/2002 धारा 13 (1) डी, 13 (2) पीसी एक्ट 1988 एवं 120 भादवि कटनी मेसर्स अल्फर्ट प्रा लि कटनी से 72 एकड़ कृषि भूमि 7.20 करोड़ रू. में क्रय कर शासन को हानि पहुंचाने के संबंध में। सुधी रंजन मोहंती तत्कालीन प्रबंध संचालक मप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम भोपाल अपराध क्रमांक 25/2004 धारा 13 (1) डी, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अध्यादेश 1988 एवं धारा 120 बी, 409, 420, 467, 468 भादवि इंटर कॉर्पोरेट डिपाजिट के वितरण में अनियमितताएं। दिनांक 23.05.2011 प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति का निर्णय लिया जाकर विधि विभाग द्वारा 19 दप्रसं के अंतर्गत 27.06.2011 को अभियोजन स्वीकृति जारी हो चुकी है। श्रीमती अंजु सिंह बघेल तत्कालीन कलेक्टर कटनी अपराध क्रमांक 103/10, राजकुमार पाठक आईएएस जांच प्रकरण क्रमांक 84/10, केपी राही, तत्कालीन कलेक्टर डिंडौरी निषांत बरबड़े तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत रीवा जांच प्रकरण क्रमांक 235/10, सुखवीर सिंह तत्कालीन कलेक्टर सीधी प्रकरण क्रमांक 232/10, सलिना सिंह तत्कालीन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भोपाल जांच प्रकरण क्रमांक 107/09, अजातशत्रु श्रीवास्तव तत्कालीन कलेक्टर उज्जैन जांच प्रकरण क्रमांक 199/10, अरविन्द जोशी तत्कालीन प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग जांच प्रकरण क्रमांक 132/09, एनके सिंह तत्कालीन राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल जांच प्रकरण क्रमांक 25/06, नवनीत कोठारी तत्कालीन कलेक्टर बालाघाट व अन्य जांच प्रकरण क्रमांक 446/10, अरूण कुमार भटट तत्कालीन आबकारी आयुक्त जांच प्रकरण क्रमांक 294/11, 196/11 एवं 329/11, पंकज राग प्रबंध संचालक पयट्रन विकास निगम जांच प्रकरण क्रमांक 410/11, राजेश राजोरा 390/09, सीबी सिंह तत्कालीन आयुक्त नगरनिगम इंदौर जांच प्रकरण क्रमांक 143/10, 426/10, 436/10, 109/11, राघव चन्द्रा तत्कालीन प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन व सी बी सिंह जांच प्रकरण क्रमांक 460/10, राकेष श्रीवास्तव पूर्व कलेक्टर इंदौर व पूर्व कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह इंदौर जांच प्रकरण क्रमांक 84/11 दर्ज है। मदन मोहन उपाध्याय, मनोहर अगनानी, सुधीर रंजन मोहंती, मनोज झालानी, राकेश राजोरिया व योगीराज शर्मा जांच प्रकरण क्रमांक 477/11, एमए खान जांच प्रकरण क्रमांक 436/09, आरएस जुलानिया जांच प्रकरण क्रमांक 497/10, मोहंती 54/10, अवनि वैश्य पूर्व मुख्य सचिव 232/11, एसके मिश्रा पूर्व सचिव खनिज संसाधन जांच प्रकरण क्रमांक 325/11, अरविन्द जोशी व टीनू जोशी प्रकरण क्रमांक 107/10 की जांच लंबित, सीबी सिंह पूर्व आयुक्त नगरनिगम इंदौर अभियोजन स्वीकृति हेतु 18.11.2011 से लंबित, योगेन्द्र शर्मा पूर्व आयुक्त नगर निगम इंदौर जांच लंबित प्रकरण क्रमांक 3/2012, अजय आचार्य पूर्व प्रबंध संचालक एमपीआयडीसी भोपाल प्रकरण क्रमांक 25/04 दिनांक 24.09.2007 को चालान पेश  पूरक चालान हेतु विवेचना जारी, एमके अग्रवाल पूर्व संयुक्त आयुक्त भू-अभिलेख प्रकरण क्रमांक 8/06 विवेचनाधीन, उमाकांत सामल पूर्व प्रमुख सचिव अपराध क्रमांक 2/08 विवेचनाधीन, रामकिंकर गुप्ता मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर जांच प्रकरण क्रमांक 11/08, उमाकांत सामल पूर्व प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण जांच प्रकरण क्रमांक 6/09 का चालान 30.06.2011 को पेश पूरक विवेचना जारी, पी नरहरि पूर्व कलेक्टर सिवनी जांच प्रकरण क्रमांक 20/08 जांच जारी है। पी राघवन पूर्व प्रबंध संचालक अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम भोपाल का चालान 29.06.2006 पेष किया। एमएम मूर्ति पूर्व प्रबंध संचालक मप्र लेदर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन का चालान 30.12.2011 को पेश कर दिया गया।

इन तमाम आईएएस अधिकारियों के कर्मों का फल आज तक नहीं मिल पाया है। कहीं प्रकरण जांच में लटका हुआ है, तो कहीं चालान की अनुमति नहीं मिली। राज्य में यह चर्चा जोरों पर है कि नौकरषाह रिश्वत देकर मलाईदार पदों पर बैठकर खूब रिश्वत बटोर रहे हे। पूर्व आबकारी आयुक्त अरूण भटट आबकारी आयुक्त के पद पर थे तब मामला दर्ज हुआ तो उसे हटाकर हाउसिंग कमिश्वर बना दिया गया, फिर उद्योग आयुक्त यानी शिवराज सिंह को कोई फर्क नहीं पड़ता, कौन कितना भ्रष्टाचारी है?

इस लिस्ट को बनाने में काफी मशक्कत की गई है, फिर भी गारंटी है कि कई नाम चूक गए होंगे, यदि आपको याद आते हैं तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में छाप दीजिए। 

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