भोपाल। संविदा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान प्रथम चरण में गलत नियमों का हवाला देकर वंचित कर दिए गए अभ्यर्थियों के एक दल ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने का फैसला किया है। संघर्षदल ने अपील जारी की है कि यदि सभी अभ्यर्थी एकजुट नहीं हुए तो यह अभियान सफल नहीं हो पाएगा।
पढ़िए इस मामले में संघर्ष कर रहे अभ्यर्थियों की एक अपील:-
भोपाल समाचार डाॅट काॅम के माध्यम से सभी प्रथम चरण से वंचित हुये पात्र अभ्यर्थी जिनकों म.प्र. शासन ने गलत नियमों का हवाला देकर बाहर किया। म.प्र. सरकार ने संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती में न्यूनतम योग्यता में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23 की उपधारा (1) अर्थात् आरटीआई 23(1) शिक्षकों की न्यूनतम अर्हता (योग्यता) का खुला उल्लंघन किया। एनसीटीई अधिसूचना दिनांक 23.08.2010 एवं संशोधित अधिसूचना दिनांक 29.07.2011 को अंदेखा कर नियमों को ताक पे रखा गया, जिसके लिये सुप्रीम कोर्ट कोर्ट में अपनी याचिकाऐं हर हाल में कोर्ट की समर वेकेशन के पहले दायर करनी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला अपने पक्ष में ही आयेगा।
सुप्रीम कोर्ट की याचिका में प्रथम चरण की नियुक्ति से अपनी नियुक्ति देने के साथ-साथ म.प्र. सरकार पर मानहानि की अपील की जायेगी। क्योंकि म.प्र. सरकार ने गलत नियमों का हवाला दे देकर हम सभी के भविष्य के साथ धौका किया है। सुप्रीम कोर्ट में अपने संविदा मामले की फीस लगभग 3 लाख रूपये तक है। जिसमें आप सभी की एक जुटता की अति आवश्यकता है। अतः सभी याचिकाकर्ता अर्थिक रूप से अतिशीघ्र संपर्क कर मदद करें।
चूंकि अब हाईकोर्ट से उम्मीद धूमिल होती जा रही है हमारे बीच में ऐसे अभ्यार्थियों की संख्या तो बहुत ज्यादा है। जो फायदा तो पूरा लेना चाहते है। किन्तु उनका सहयोग आज तक किसी भी स्तर पर नहीं रहा। अतः इन सब मामलों को गंभीरता से लेते हुये हमारी टीम ने एक मत में निर्णय लिया है कि सुप्रीम कोर्ट में सभी व्यक्तिगत याचिताऐं एक ही याचिका के अधीन लगायी जायेगी, इसलिये वर्ग-3 डी.एड. एवं वर्ग-2 बी.एड. को एक साथ चैलेन्ज कर नियुक्तियों हेतु याचिका लगवायी जायेगी, अब यह मामला वर्ग-3 व वर्ग-2 का ना होकर सिर्फ एक लड़ाई का रह गया है। म.प्र. शासन को गलत सिद्व कर हम सभी को प्रथम चरण की भर्ती में ही लिया जाये।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाऐं दायर करने हमारे पास सिर्फ 15 दिनों का समय है। अतः आप सभी पात्र वर्ग 02 व वर्ग 03 के अभ्यार्थियों से विनम्र अनुरोध है, कि अभी समय है। आपके पास हम सभी अपनी एक जुटता का परिचय दें एवं सुप्रीम कोर्ट हेतु निर्धारित राशि को बताये गये खातों में भेजकर एवं दस्तावेज ई-मेल आई.डी. पर भेजकर हमें जानकारी प्रदान करें क्योंकि ये सभी याचिकाऐं व्यक्तिगत एक ही याचिका के अधीन रहेगी। इसका लाभ सिर्फ उन अभ्याथियों को मिल सकेगा। जो याचिकाकर्ता होगे यदि आप इस मामले को लेकर गंभीर है तो संपर्क करें अन्यथा किसी भी जानकारी के लिये अनावश्क परेशान न करें।
अतिशीघ्र आर्थिक सहायता हेतु- याचिकाकर्ता हेतु
1- फिरोज खांन टी. मो- 9806852426 भारतीय स्टेट बैंक
खाता- 30194805512
2- रामेश्वर रजक टी. मो- 9584958374 भारतीय स्टेट बंैक
खाता- 11084796035
3- जयप्रकाश दुबे टी. मो. 9630908517 सेन्ट्रल बैंक
खाता - 3120569682
महत्वपूर्ण दस्तावेज- ई-मेल आई.डी- firozkhan460@gmail.com पर भेजें।
संपर्क सूत्र-
फिरोज खांन टीकमगढ़ 9806852426,
रामेश्वर रजक 9584958374 टीकमगढ़,
जयप्रकाश दुबे टी. 9630908517,
राजू शर्मा छतरपुर 7566893493,
महेश प्रजापति राजस्थान 09024586140,
राजेश गुना 9907494477,
बाबूलाल पटेल इन्दौर 9753368096,
जगदीश नीमच 7898266595,
दीपक वारखे धार 9179531455,
बलवीर मुरैना 9039065102,
उत्तम विसैन सिवनी 9977043163,
राजेन्द्र बैतूल 9074114336,
राज विश्वकर्मा जबलपुर 9300066221